कोल्लम- रविवार तड़के केरल के कोल्लम में पुत्तिंगल मंदिर में आग ने भयानक तबाही मचाई जिसमे मरने वालों का आंकड़ा 112 हो गया है। वहीँ 400 से ज्यादा घायल हो गए हैं ! घटना की जांच अब क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। इस मामले में जानकारी अनुसार 30 लोगों पर केस दर्ज़ किया गया है जबकि इस सिलसिले में पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है। जानकारी के अनुसार, एक स्टोरकीपर को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि मंदिर प्रशासन और आतिशबाजी के लाइसेंसधारकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 308 (गैर इरादतन हत्या करने की कोशिश) के तहत और विस्फोटक सामग्री कानून की धारा चार के तहत मामला दर्ज किया है।
इसी बीच, पुलिस ने घटनास्थल से आतिशबाजी का बिना जला हुआ कुछ सामान जब्त किया है। पुलिस ने कहा कि तिरूवनंतपुरम और कोल्लम में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। लोग अब भी अपने प्रियजन की तलाश में घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। आज सुबह मंदिर क्षेत्र में पहुंचे एक व्यक्ति ने बताया कि वह अपने चार दोस्तों के साथ जश्न को देखने आया था लेकिन उन चार दोस्तों में से दो लापता हैं। खुद भी हल्की चोटों से घायल हुए इस व्यक्ति ने कहा कि मैं कोल्लम और तिरूवनंतपुरम के उन सभी अस्पतालों में गया था, जहां घायलों का इलाज हो रहा है। वे लोग वहां नहीं हैं। इस व्यक्ति ने कहा कि कुछ अज्ञात शव बुरी तरह झुलसी हुई हालत में हैं। इनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए डीएनए परीक्षण करवाने होंगे। उम्मीद करता हूं कि मेरे दोस्त उनमें न हों।
ऐसे ले सकते हैं हेल्प
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वहीँ दूसरी तरफ इतने बड़े हादसे के बाद भी केरल में मंदिर एडमिनिस्ट्रेशन की सबसे बड़ी बॉडी त्रावणकोर देवासम बोर्ड ने किसी भी मंदिर में आतिशबाजी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कि त्रावणकोर देवासम बोर्ड केरल के करीब 1200 मंदिरों का मैनेजमेंट संभालने वाली बॉडी है। इसके चीफ ने पुतिंगल मंदिर में हादसे पर दुख जताया है। बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि हादसे से हम दुखी हैं लेकिन मंदिरों में होने वाली आतिशबाजी पर कोई रोक नहीं लगा सकता। उन्होंने कहा- यह एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी है कि वह इस तरह के हादसों को रोकने के अरेंजमेंट करे।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि एक व्यक्ति की मौत तिरूवनंतपुरम स्थित केआईएमएस अस्पताल में और एक अन्य व्यक्ति की मौत तिरूवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हो गई।
उन्होंने कहा कि आतिशबाजी का ठेका दो समूहों ने लिया था, जिनका नेतृत्व सुरेंद्रन और कृष्णन कुट्टी के हाथ था। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (अपराध शाखा) अनंतकृष्णन स्थिति का जायजा लेने के लिए आज सुबह दोबारा घटनास्थल का दौरा करेंगे। इसमें कहा गया कि सरकार के चिकित्सीय दल स्थिति का आकलन करने के लिए उन सभी अस्पतालों का दौरा करेंगे, जहां 383 घायलों को भर्ती कराया गया है।
कल तड़के परवूर स्थित 100 वर्ष पुराने पुत्तिंगल देवी मंदिर परिसर में हुई अनाधिकृत आतिशबाजी के दौरान भीषण आग फैल गई थी। केरल सरकार ने इस मामले में उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अपराध शाखा की जांच के भी आदेश जारी किए गए हैं। यह त्रासदी कल तड़के साढ़े तीन बजे के करीब हुई। राजस्व और पुलिस अधिकारियों की अनुमति के बिना आधी रात से ही आतिशबाजी शुरू कर दी गई थी। यह आतिशबाजी एक वाषिर्क उत्सव के दौरान की जा रही थी और हजारों लोग इसे देखने के लिए एकत्र हुए थे। आतिशबाजी के दौरान कुछ चिंगारियां गोदाम ‘कंबापुरा’ में चली गईं और वहां रखे पटाखों में भारी आवाज के साथ विस्फोट हो गया। इससे लगी आग तेजी से फैल गई और परिसर में मौजूद श्रद्धालु वहीं फंस गए।
मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने हर मृतक के परिजन को 10-10 लाख रूपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। उन्होंने गंभीर रूप से घायल लोगों को दो-दो लाख और हल्की चोटों वाले लोगों के लिए 50 हजार रूपए की अनुग्रह राशि की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को ‘हृदय विदारक’ और ‘स्तब्ध कर देने’ वाला बताते हुए मृतकों के परिजन के लिए दो-दो लाख रूपए और घायलों के लिए 50-50 हजार रूप्ए का मुआवजा देने की घोषणा की। वह स्थिति का जायजा लेने के लिए यहां आए थे।