खंडवा : खंडवा में कोरकू जनजाति को खाद्य और पोषण की सुरक्षा देने के लिए निजी संस्थाओं ने NGO के माध्यम से पांच साल के एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की। सबल नाम से चलाए जाने वाले इस की शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने की। यह प्रोजेक्ट खंडवा और अमरावती जिलो में निवासरत कोरकू जनजाति समाज को कुपोषण से मुक्ति दिलाने और उनकी खाद्य सुरक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में काम करेगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने इस मौके पर जनजाति समुदाय के साथ अपने अनुभव व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि म प्र सरकार ने जनजाति समाज सहित ग्रामीण क्षेत्रो में महिलाओं और बच्चों की बेहतरी के लिए बहुत अच्छे कार्यक्रम संचालित किए है लेकिन अभी भी इस दिशा में और काम करने की जरुरत है।
एकीकृत खाद्य एवं पोषण सुरक्षा परियोजना ‘सबल’ क्रिस्चन जर्मनी के कारितास इंडिया फाउंडेशन ने तीन स्थानीय स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से इसे खंडवा के खालवा और अमरावती जिले के चिखलधरा आदिवासी ब्लाक में इसे संचालित करेगा। दोनों ही जगह कोरकू जनजाति बहुलता से निवास करती है।
खालवा के 16 हजार जनजाति परिवारों की आजीविका बेहतर बनाने के लिए यह परियोजना उन्हें अपने ही परिवेश में खाद्यान्न ,और पोषण आहार उत्पादन में मदद करेगी। साथ ही सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग करेगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने जनजाति क्षेत्रो में सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों के बेहतर परिणामो को बताया और उन्हें बेहतर करने की बात कही। उन्होंने जंजतियो को उनके ही परिवेश में खाद्य उत्पादन को और मजबूत करने की बात पर जोर दिया।