नई दिल्ली – केरल के कोझिकोड में एक शख्स को ये यकीन हो गया कि वह गर्भवती है! उसने बार-बार ये दावा किया और उसके दावे से परिवार के लोग इतने डर गए उसे लेकर मनोरोग विशेषज्ञ के पास ले गए। ये कहानी 52 वर्षीय एक शख्स की है।
ये शख्स दो बच्चों का पिता है। पोस्ट ग्रेजुएड की डिग्री ले चुका है, हालांकि बेरोजगार है।
उसने अचानक ये कहना शुरु किया कि उसके पेट में अजीब किस्म की सनसनी होती है। उसने कहा कि उसके पेट में बच्चा है। घर वालों ने समझाया लेकिन वो ये मानने के लिए तैयार नहीं हुआ कि वह गर्भवती नहीं है। उसने ये तक कहा कि वह अपने पेट में बच्चे का चलना महसूस करता है।
52 वर्षीय शख्स ने घर वालों से कहा कि वह अब आराम करेगा और कोई भी ऐसा काम नहीं करेगा, जिसमें मेहनत लगती हो। उसने भोजन भी कम कर दिया। मिचली आने पर उसका भाई उसे डॉक्टर के पास ले गया।
मनोरोग विशेषज्ञ से बातचीत में उसने बताया कि एक व्यक्ति के साथ उसके समलैंगिक संबंध बने थे, जिसके बाद वही गर्भवती हो गया। कोझिकोड स्थित KMCT में डॉक्टर पीएन सुरेश कुमार के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने उस शख्स की जांच की। उसके दावे को सुन डॉक्टर भी भौंचक्के रह गए।
उन्होंने उसके कई जांचों और परीक्षण के बाद कहा कि उस शख्य को भ्रम हो गया है और ये एक दुर्लभ किस्म की मनोवैज्ञानिक बीमारी है। उसके भाई ने डॉक्टरों को बताया कि उस शख्स को ये समस्या लगभग छह महीने पहले शुरू हुई थी।
डॉक्टर कुमार ने बताया कि उस शख्स को जो बीमारी हुई है, उसमें आदमी को किसी ऐसा बात पर पक्का यकीन हो जाता है, जो वास्तव में होती नहीं है। मसलन उसे भरोसा हो गया कि वह गर्भवती हो गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसी बीमारी के बारे में इससे पहले उन्होंने नहीं सुना था। डॉक्टरों ने बताया कि ये शख्स ने अपनी किशोर अवस्था में कई बार समलैंगिक सबंध बनाए। उसके भ्रम का एक कारण ये भी है। डॉक्टरों ने बताया कि समलैंगिक रिश्तों के कारण उसका वैवाहिक जीवन प्रभावित नहीं हुआ।
डॉक्टरों का कहना है कि पिता बनने वाले लोगों में गर्भावस्था के लक्षण दिखते हैं, मसलन उन्हें भी मिचली, वजन बढ़ने और अनिद्रा जैसी दिक्कतें होती हैं। ऐसा तब होता है जब पत्नी गर्भवती होती है।
उस शख्स की जांच में भी डॉक्टरों को किसी गंभीर मनोवैज्ञनिक बीमारी के लक्षण नहीं मिले। फिलहाल उसकी काउंसिल जांच की जा रही है।