लखनऊ : ए.ऍफ़.टी.बार एसोसिशन, लखनऊ ने बार काउन्सिल ऑफ़ उत्तर-प्रदेश द्वारा सोमवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने की अपील पर सक्रियता पूर्वक अमल करते हुए बार के अध्यक्ष डॉ० सी.एन.सिंह के नतृत्व में न्यायिककार्य का बहिष्कार किया । बार की आपातकालीन मीटिंग में सर्वसम्मति से लिए गये निर्णय के अनुरूप, ए.ऍफ़.टी.ट्रिब्यूनल के रजिस्ट्रार के माध्यम से प्रधानमन्त्री को, पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में उदासीनता पूर्ण रवैये की निंदा करते हुए उन्हें सकुशल भारत वापस लाने सम्बन्धी ज्ञापन दिया गया जिसका नेतृत्व बारके जनरल सेक्रेटरी विजय कुमार पाण्डेय ने किया। ज्ञापन पर ट्रिब्यूनल केरजिस्ट्रार ने सकारात्मक सहयोग का आश्वासन भी दिया।
बार के जनरल सेक्रेटरी विजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि भारत सरकार की उदासीनता के कारण पाकिस्तान की सैन्य-अदालत ने मनमानी कार्यवाही करके, एक बेगुनाह भारतीय नागरिक को फांसी की सजा सुना दी है और, पाकिस्तान की सरकार इस गैर-क़ानूनी और मनमानी कार्यवाही को प्रश्रय प्रदान कर रखा है।
जनरल सेक्रेटरी विजय पाण्डेय ने प्रधानमन्त्री को आगाह किया की जाधव का मामला राष्ट्रीय अस्तित्व और आस्था से जुड़ा प्रश्न है लिहाजा, इसको गम्भीरता से लेते हुए जाधव को सुरक्षित भारत वापस लाया जाय, इसके लिए जो भी आवश्यक कार्यवाही हो प्रधानमन्त्री करे, ए.ऍफ़.टी.बार एसोसिशन उनके हर कदम का समर्थन करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बार एसोसिएशन इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, वाशिगटन डी.सी. में उठाएगी क्योंकि, पाकिस्तान ने अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार सम्बन्धी नियम-कानून को दरकिनार करके इस दुष्कृत्य को अंजाम दिया है। पूर्व जनरल सेक्रेटरी डी.एस. तिवारी ने इसका जोरदार समर्थन किया और कहा कि जाधव को न तो आरोप-पत्र दिया गया, न अदालत में उनको सुना गया और न ही उनको अपने बचाव का मौका ही दिया गया। आपातकालीन मीटिंग में पंकज कुमार शुक्ला, पारिजात बेलोरा, मिस. कविता सिंह, कविता मिश्रा, विनय कुमार पाण्डेय, रोहित कुमार, राजीव पाण्डेय, के.के. एस. बिस्ट (सैन्य मामलो के विशेषज्ञ), शैलेन्द्र कुमार सिंह, डी.के.पाण्डेय, आशीष सिंह, अरुण साहू, मेजर आर.डी.सिंह,कर्नल अशोक कुमार सिंह, एवं आर. चन्द्रा इत्यादि सदस्य मौजूद रहे ।