लखनऊ: योगी सरकार के एण्टी भूमाफिया टाॅस्क फोर्स का स्वरूप बिल्कुल उसी तरह होगा जैसा कल्याण सिंह शासनकाल में बनी पुलिस की ‘स्पेशल टास्क फोर्स’ का है। जिस तरह से कल्याण सिंह शासनकाल में एसटीएफ ने उ0प्र0 में तत्कालीन संगठित आपराधिक गिरोहों की कमर तोड़ दी थी, उसी तर्ज पर एंटी भू-माफिया टाॅस्क फोर्स उ0प्र0 को भूमाफिया जैसे शब्द से निजात दिलाएगी। भाजपा ने चुनाव पूर्व घोषित लोक कल्याण संकल्प पत्र में एण्टी भूमाफिया टाॅस्क फोर्स बनाने का संकल्प लिया था, जिस पर योगी सरकार की कैबिनेट ने मुहर लगा दी। पूर्ववर्ती अखिलेश व माया सरकारों में दबंगो ने सत्ता की शह पर न केवल गरीब-दलित व विधवा महिलाओं की भूमि पर कब्जा किया था बल्कि तमाम सरकारी, निगमों, प्राधिकरणों की जमीनों को भी अवैध तौर पर कब्जा कर डाला था। मथुरा के जवाहरबाग पर कब्जा पिछली सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।
भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर कब्जा हटाओ अभियान की शुरूआत भी की थी, जिसमें एक शिकायत प्रकोष्ठ का गठन कर कई मामलों को जोर-शोर से उठाया गया था। इस फैसले से तमाम उन चेहरों पर मुस्कान लौटगी जो भूमाफियाओं से पीड़ित थे। पिछली सरकार में मंत्री, विधायक भी जमीन कब्जाने में लगे थे। पूर्व विधायक रामपाल, पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय बहादुर यादव जैसे सैकड़ो उदाहरण हैं। अब ऐसे सभी रसूखदारों पर भी कठोर कार्यवाही होगी जिन्होंने सत्ता के रसूख से सरकारी या निजी भूमि अवैध तरीके से कब्जाई थी। भाजपा सरकार के अवैध कब्जे पर श्वेतपत्र लाने से कई चेहरे बेनकाब होंगे।
पिछली सरकारों में भूमाफिया, शराब माफिया, शिक्षा माफिया, नकल माफिया, खनन माफिया के सहारे माफियाराज स्थापित किया गया है और गिरोहबंद, संस्थागत माफियाराज से सरकार और जनता को लूट कर तिजोरियां भरी गई लेकिन अब योगी सरकार में इसमें से किसी को भी माफ नहीं किया जाएगा ।
रिपोर्ट @शाश्वत तिवारी