32.7 C
Indore
Thursday, April 17, 2025

दिल्ली हिंसा: सवाल देश की छवि का, भाजपा पूर्ण बहुमत के नशे में चूर

भाजपा पूर्ण बहुमत के नशे में चूर होकर अपने हिंदूवादी एजेंडे को देश पर थोपने की ग़रज़ से ही सारे क़दम उठा रही है। और यह भी कि भाजपा व उससे जुड़े अनेक हिंदूवादी संगठन एकजुट होकर केंद्र सरकार के पूर्ण बहुमत के होते हुए हर वह काम करना चाह रहे हैं जिससे उनकी हिंदूवादी राजनीति और अधिक परवान चढ़ सके। परन्तु उनके इस एक सूत्रीय एजेंडे का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। और वो यह कि इसका दुष्प्रभाव इस देश पर क्या पड़ रहा है।

‘चीफ़ मिनिस्टर के लिए मेरा एक ही सन्देश है कि वह राजधर्म का पालन करें,। ‘राजधर्म’। राजा के लिए ,शासक के लिए प्रजा प्रजा में भेद नहीं हो सकता ,न जन्म के आधार पर न जाति के आधार पर,न सम्प्रदाय के आधार पर’। यह शिक्षा अहमदाबाद में हुए फ़रवरी-मार्च 2002 के दौरान गुजरात में भड़की साम्प्रदायिक हिंसा के सन्दर्भ में 2002 में तत्कालीन स्वo प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ़ संकेत करते हुए एक संवाददाता सम्मलेन के दौरान दी थी। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भी उस संवाददाता सम्मलेन में मौजूद थे तथा वाजपेई द्वारा दी जा रही इस सीख के दौरान ही मोदी ने कहा कि था कि-‘हम भी वही कर रहे हैं साहब’। वाजपई जी ने अपनी विदेश यात्रा शुरू करने से पूर्व यह भी कहा था कि-‘ मैं दुनिया को क्या मुंह दिखाऊंगा’।

अब इसे संयोग कैसे कहा जाए कि आज एक बार फिर वही नरेंद्र मोदी जब देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर ‘सुशोभित’ हैं उस समय राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुनः उन्हीं को ‘राजधर्म का पालन करने ‘की सीख दी जा रही है। राजधानी दिल्ली में पिछले दिनों छिड़ी साम्प्रदायिक हिंसा के दौरान अब तक 40 से अधिक लोग देशवासी अपनी जानें गँवा चुके हैं। परन्तु केंद्र सरकार के ज़िम्मेदारों की तरफ़ से जो ग़ैर ज़िम्मेदाराना बल्कि पक्षपातपूर्ण रवैय्या अपनाया जा रहा है उसे देखकर पूरी दुनिया स्तब्ध है। जो भारतवर्ष एकता में अनेकता को लेकर पूरी दुनिया में अपनी सबसे अलग व अनूठी पहचान रखता था आज भारत की वही पहचान धूमिल होने की कगार पर है।

अभी जबकि दंगे में मारे गए लोगों की चिताएं भी ठंडी नहीं हुई हैं,उनकी क़ब्रों की मिटटी भी अभी सुखी नहीं है कि दंगा पीड़ित परिवारों से न्याय की आस रखने के बजाए यह समझाया जा रहा है कि -‘जो हो गया सो हो गया ‘। हू-बहू यही शब्द गत वर्ष चुनाव के दौरान गुजरात में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा द्वारा 1984 के सिख विरोधी दंगों को संदर्भित कर बोले गए थे। उस समय इन्हीं भाजपाई नेताओं ने सैम पित्रोदा पर बड़ा हमला बोला था। आख़िर यह कैसा मापदंड है कि सैम पित्रोदा ने जो बोला वह ग़लत और अभी दिल्ली में पीड़ित परिवारों के आंसू भी नहीं सूखे तो उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल द्वारा यही समझाया गया कि ”जो हुआ सो हुआ’?

यदि आज यह मान भी लिया जाए कि सत्ता की ओर से इस बात की कोई चिंता नहीं कि देश में उनका कितना और किस स्तर पर विरोध हो रहा है। यह भी कि भाजपा पूर्ण बहुमत के नशे में चूर होकर अपने हिंदूवादी एजेंडे को देश पर थोपने की ग़रज़ से ही सारे क़दम उठा रही है। और यह भी कि भाजपा व उससे जुड़े अनेक हिंदूवादी संगठन एकजुट होकर केंद्र सरकार के पूर्ण बहुमत के होते हुए हर वह काम करना चाह रहे हैं जिससे उनकी हिंदूवादी राजनीति और अधिक परवान चढ़ सके। परन्तु उनके इस एक सूत्रीय एजेंडे का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। और वो यह कि इसका दुष्प्रभाव इस देश पर क्या पड़ रहा है।
माना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनके परम सहयोगी गृह मंत्री अमित शाह इस समय भारत के कट्टर हिंदूवादी विचारधारा रखने वाले लोगों के लिए एक बहुत बड़े ‘नायक’ बन चुके हैं परन्तु उनके ‘हिन्दू ह्रदय सम्राट’ बनने का इस देश की छवि पर क्या प्रभाव पड़ रहा है? आज संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ साथ दुनिया के कई देश भारत सरकार की आलोचना करते देखे जा रहे हैं। पिछले दिनों बांग्लादेश में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ जिसमें प्रदर्शनकारी बांग्लादेश सरकार से यह मांग करते दिखाई दिए कि आगामी 17 मार्च को बंग बंधु शेख़ मुजीबुर्रहमान की 100 वीं जन्मतिथि के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया गया निमंत्रण वापिस लिया जाए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस जोकि अपने पूरे जीवन में महासचिव महात्मा गांधी के विचारों से काफ़ी प्रभावित रहे हैं, ने दिल्ली में हुई हिंसा पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि भारत को महात्मा गांधी के विचारों की पहले से कहीं अधिक ज़रूरत है क्योंकि यह समुदायों के बीच सही मायने में मेल-मिलाप की परिस्थितियां पैदा करने के लिए अनिवार्य है।

अमरीकी सीनेटर तथा इसी वर्ष होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी में सबसे आगे चल रहे बर्नी सैंडर्स ने भी दिल्ली हिंसा की आलोचना की है। सैंडर्स ने कहा कि “20 करोड़ से ज़्यादा मुसलमान भारत को अपना घर मानते हैं. मुस्लिम विरोधी भीड़ ने कम से कम 27 लोगों की जान ले ली और कई लोग घायल हुए। मानवाधिकार के मुद्दे पर ये नेतृत्व की नाकामी है.”अमरीकी एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रीलिजयस फ़्रीडम ने दिल्ली हिंसा की निंदा करते हुए कहा, “किसी भी ज़िम्मेदार सरकार की ज़िम्मेदारियों में एक काम ये भी है कि वो अपने नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराए. हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वो भीड़ की हिंसा का निशाना बनाए जा रहे मुसलमानों और अन्य लोगों की सुरक्षा में गंभीर क़दम उठाए.” इस्लामी देशों के संगठन आईओसी ने भी भारत से कार्रवाई की मांग की है. आईओसी की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है, “आईओसी भारत से ये अपील करता है कि वो मुस्लिम विरोधी हिंसा को अंजाम देने वाले लोगों को न्याय के कटघरे में खड़ा करे और अपने मुसलमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करे.” संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद प्रमुख मिशेल बाचेलेत जेरिया ने भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून और सांप्रदायिक हिंसा को लेकर चिंता जताई है.
विदेशी मीडिया में भी दिल्ली हिंसा को लेकर मोदी सरकार की ज़बरदस्त आलोचना की जा रही है। न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा है, “सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा निरस्त कर दिया. वहां के मुस्लिम नेताओं को जेल में बंद कर दिया है. इसके बाद एक क़ानून लेकर आई जिसमें ग़ैर-मुस्लिम बाहरी लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया.” सीएनएन ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागरिकता संबंधी क़ानून को आगे बढ़ान से ये हिंसा हुई है. सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “डोनाल्ड ट्रंप के राजकीय दौर में उम्मीद की जा रही थी कि भारत वैश्विक स्तर पर अपने प्रभुत्व का प्रदर्शन करेगा. लेकिन इसकी जगह उसने महीनों से चले रहे धार्मिक तनाव की तस्वीर पेश की.” वाशिंगटन पोस्ट में दिल्ली की हिंसा पर छपी रिपोर्ट में कहा गया है,

“नरेंद्र मोदी के राजनीतिक कैरियर में यह दूसरा मौक़ा है जब बड़े सांप्रदायिक हिंसा के दौरान वे शासनाध्यक्ष हैं.” गुजरात में 2002 की सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे. गार्डियन ने अपने एक संपादकीय में नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए लिखा है, “उन्होंने शांति और भाईचारे की अपील काफ़ी देरी से की और यह उनकी कई दिनों की चुप्पी की भरपाई नहीं कर सकता. ना ही विभाजन के आधार पर बने उनके कैरियर पर पर्दा डाल सकता है.” इंडिपेंडेंट ने 27 फ़रवरी को अपनी रिपोर्ट में लिखा है, “नरेंद्र मोदी की आलोचना इसलिए भी हो रही है क्योंकि वे हिंसा करने वालों की आलोचना करने में भी नाकाम रहे हैं. इसमें कुछ तो राजमार्ग पर आगज़नी करते हुए मलबे के ढेर से गुज़रते हुए उनके नाम के नारे भी लगा रहे थे.”

विदेशों में मोदी सरकार की नीतियों के चलते देश की बनती जा रही ऐसी छवि को देखकर एक बार फिर विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह सवाल किया जाना ज़रूरी है कि आख़िर बार बार आपको ही आपके नेता अटल बिहारी वाजपई से लेकर अनेक विदेशी नेता व विदेशी मीडिया द्वारा ‘राजधर्म निभाने ‘ जैसा पाठ पढ़ने की ज़रुरत क्यों पड़ती है ? आज मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं इसलिए आज दुनिया में होने वाली उनकी आलोचना का अर्थ है देश व देश के शासन की आलोचना। ज़ाहिर है प्रत्येक भारतवासी देश की छवि को लेकर चिंतित होना स्वभाविक है।
तनवीर जाफ़री

Related Articles

على قيد الحياة المراهنة, linebet, النتائج الحية, تيارات كرة القدم الحية, Twentyone: Alive Gaming, Linebet com

إذا قمت في الماضي بإنشاء حساب مجاني لصفحات الويب المعتمدة على LineBet ، فلن تضطر إلى الانضمام مرة أخرى إلى تشغيل لعبة فيديو Casino...

Uploader MelBet APK de Xperia sauf que iOS Gratis 2025

C’est une des raison pour laquelle des options en compagnie de paname vraiment séduisantes vivent actives du une telle examen et chez nous web....

Мелбет: праздник во личный кабинет официального веб-сайта букмекерской фирмы

Закачать дополнение может любой алчущий — чтобы достичь желаемого результата ажно вольно записываться в букмекерской конторе. Заздравный скидка можно отыграть во пятикратном размере. Делается...

Đặt kỳ thi trực tuyến thay đổi 1xbet 2025 bản dịch khác nhau

Một bộ phận giải trí trong công ty của biến sòng bạc đã hoàn thành đáng kể tất cả các môn thể cách tải...

Закачать Мелбет на Андроид подвижное аддендум бесплатно с официального сайта БК Melbet

Мобильное адденда Мелбет надеюсь не начинаться с-без технических задач со стороны букмекера. Вдобавок противоречие надеюсь возникнуть из-выше несоответствия техническим притязаниям вашего мобильного устройства...

2025’te ABD Oyuncuları için İnternette En Büyük On Gerçek Nakit Casino

Ayrıca, bu, daha az bonusla daha az bonus ile bu haftada birkaç ay içinde bariz bahis gereksinimlerine ihtiyacınız olabilir, ancak büyük bonuslara sahip bunu...

Мел Недобор MelBet ответы Аферисте !!!

Веб-журнал ковкий возьмите восприятия, безо откосов тихо рекламы али навязывания став. Ноне добровольно лишать попробуешь не узнаешь, подходит твоему вниманию БК или дураков...

Superiores casinos en internet españoles, actualizados mensualmente

Es vital leer los palabras y no ha transpirado condiciones de al completo bono, ya que podrán cambiar significativamente dentro de casinos y no...

Better Payment Web based casinos for us Players within the 2025

PostsCharge and you will FeesWhich sports betting software pays more?What is the best payment on-line casino video game? The fresh rewards you get out of...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
138,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

على قيد الحياة المراهنة, linebet, النتائج الحية, تيارات كرة القدم الحية, Twentyone: Alive Gaming, Linebet com

إذا قمت في الماضي بإنشاء حساب مجاني لصفحات الويب المعتمدة على LineBet ، فلن تضطر إلى الانضمام مرة أخرى إلى تشغيل لعبة فيديو Casino...

Uploader MelBet APK de Xperia sauf que iOS Gratis 2025

C’est une des raison pour laquelle des options en compagnie de paname vraiment séduisantes vivent actives du une telle examen et chez nous web....

Мелбет: праздник во личный кабинет официального веб-сайта букмекерской фирмы

Закачать дополнение может любой алчущий — чтобы достичь желаемого результата ажно вольно записываться в букмекерской конторе. Заздравный скидка можно отыграть во пятикратном размере. Делается...

Đặt kỳ thi trực tuyến thay đổi 1xbet 2025 bản dịch khác nhau

Một bộ phận giải trí trong công ty của biến sòng bạc đã hoàn thành đáng kể tất cả các môn thể cách tải...

Закачать Мелбет на Андроид подвижное аддендум бесплатно с официального сайта БК Melbet

Мобильное адденда Мелбет надеюсь не начинаться с-без технических задач со стороны букмекера. Вдобавок противоречие надеюсь возникнуть из-выше несоответствия техническим притязаниям вашего мобильного устройства...