मुंबई – अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम आखिर क्यों खामोश है। खौफ का दूसरा नाम कहा जाने वाला दाऊद आखिर किससे डरा हुआ है, उसने आखिरी बार पिछले साल अपनी बहन हसीना के घर फोन किया था वो भी नाम बदलकर, आखिर दाऊद ने ऐसा क्यों किया, उसके बाद से दाऊद ने अपने परिवार, रिश्तेदार या गुर्गों को एक भी कॉल नहीं की है। कहीं ऐसा तो नहीं दाऊद को अपने पकड़े जाने का डर सता रहा है।
दाऊद इब्राहिम कहां है, जिंदा है भी या नहीं, कहीं उसकी मौत तो नहीं हो गई?, कहीं बीमार तो नहीं है डॉन?, कौन संभालेगा उसकी गद्दी, उसके बाद उसके काले धंधे?, क्या होगा मुंबई में दाऊद के अरबों के रियल इस्टेट धंधे का? ये सारे सवाल दाऊद के परिवार को परेशान कर रहे हैं। आखिर दाऊद इब्राहिम कहां गुम है, उसे हुआ क्या है, ये सवाल डॉन के करीबियों के साथ ही देश की खुफिया एजेंसियों और मुंबई पुलिस को भी सता रहा है।
6 जनवरी 2015 का दिन था जब मुंबई के दो लोगों को दाऊद ने फोन किया था। भाई जिनसे बात कर रहा था उनके नाम थे रियाज और मुदस्सिर। सूत्रों के मुताबिक मुंबई पुलिस ने ये कॉल ट्रेस किए। सूत्रों के मुताबिक भारत आई दाऊद इब्राहिम की ये अंतिम कॉल थी। ये दो काल्पनिक नाम किन्हीं दो इंसानों के हैं जिनसे दाऊद मुंबई के रियल एस्टेट के बारे में बातें कर रहा था। मुंबई का रियल एस्टेट यानि करोड़ों अरबों का खेल। लेकिन 6 जनवरी 2015 के बाद से दाऊद की आवाज गुम है। शायद दाऊद की बोलती बंद है। उसके बाद से ही किसी को भी दाऊद की भनक नहीं लग सकी है।
बी जुबान से कहा जाता है कि दाऊद मुंबई में 4000 करोड़ रुपये का रियल इस्टेट कारोबार चलाता है। अगर उसकी आवाज नहीं गूंजेगी तो उसके खौफ की सल्तनत कैसे रहेगी। सूत्रों का कहना है कि रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट्स हाथों से निकलते जा रहे हैं लेकिन दाऊद चुप है। आका चुप है तो गुर्गे भी सकपकाए हुए हैं। और तो और मुंबई पुलिस भी सन्नाटे में है। मुंबई क्राइम ब्रांच के डीसीपी धनंजय कुलकर्णी ने कहा कि दाऊद के गैंग के अलावा दूसरे बड़े गैंग के भी कई दिनों से कोई फोन नहीं आया है।
लाख टके का सवाल ये कि बीस बाइस सालों से भारतीय कानून को छल रहा दाऊद आखिर कहां है। आखिर किसने उसकी बोलती बंद कर दी है। क्या उसके नाम को लेकर, उसे भारत लाने को लेकर भारत में बढ़ी हलचल का असर है या फिर दाऊद के ड्रग्स के काले कारोबार को लेकर पाकिस्तान पर बढ़ते अमेरिकी दबाव का जलवा। कहीं ऐसा तो नहीं कि दाऊद अपनी हसरत, अपनी पहचान, अपना अंदाज बदल रहा है।
मुंबई पुलिस के सूत्रों का साफ कहना है कि दाऊद अपनी पहचान छिपा रहा है। वो न तो अपने गुर्गों को फोन कर रहा है, न ही मुंबई में बसे अपने भाई इकबाल कासकर से ही बात कर रहा है। और तो और कहा तो यहां तक जा रहा है कि दाऊद की बहन हसीना पारकर के निधन पर भी भाई का फोन नहीं आया।
दाऊद जानता है कि भारतीय खुफिया एजेंसियां हर वक्त उसकी हर हरकत कि निगरानी कर रही हैं। ऐसे में उसकी छोटी सी गलती उसके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, 2014 में अपनी बहन की मौत के बाद भी दाऊद ने उसके घर फोन नहीं किया था। लेकिन कुछ दिन बाद उसे घरवालों की याद जरूर आई।
सूत्रों के मुताबिक तब हाशिम नाम से एक फोन आया था। ये फोन मुंबई में हसीना के घर पर किया गया। बातचीत हुई सिर्फ 77 सेकंड हुई। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि ये हाशिम दरअसल दाऊद इब्राहिम था। जब दाऊद को सूंघ रही जांच एजेंसियों ने इस कॉल को ट्रेस किया तो पता चला कि ये फोन कॉल ट्यूनीशिया के रास्ते रूट किया गया था। – एजेंसी