हस्तमैथुन को लेकर लोगों को कई तरह की भ्रांतियां होती है। कई लोग इसे ग़लत समझते हैं तो कई सही। लेकिन विज्ञान इसे ग़लत नहीं मानता है। हस्तमैथुन को स्वास्थ्य के लिए अच्छा और सामान्य माना गया है।
हस्तमैथुन से जुड़ी अहम बातों का ख्याल रख सकते हैं, लेकिन पहले उन बातों को जान तो लीजिए।
क्या होता है हस्तमैथुन?
ख़ुद को अच्छा महसूस कराने के लिए जब आप अपने प्राइवेट पार्ट को छूते हैं तो इसे मास्टरबेशन माना जाता है। हर आदमी इसे अलग-अलग तरीके से करता है।
हस्तमैथुन के दौरान आदमी अपने दिमाग में ‘उन खूबसूरत पलों’ की कल्पना करता है और उसके बारे में सोचता है।
क्या हस्तमैथुन ग़लत है?
बिलकुल नहीं। यह खुद को ‘अच्छा एहसास’ कराने का प्रकृतिक तरीका है। इससे आप खुद को खुशी देते हैं।
इसे बेहद निजी मामला माना जाता है। इस बात का ध्यान रहे कि सार्वजनिक जगहों पर ऐसा करना गैर क़ानूनी है। इसे लड़के और लड़कियां दोनों ही करते हैं। लड़कों में 17 साल की उम्र के बाद इसे करने की इच्छा बढ़ने लगती है। हालांकि कुछ युवा ऐसा नहीं करते हैं। जब तक आपको हस्तमैथुन करने का मन न हो, इसे न करें।
क्या ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं?
नहीं, हस्तमैथुन आपको अंधा या पागल नहीं बनाता है। इसे करने से आपकी आंखों के नीचे काला नहीं पड़ता है और न ही ये आपके शारीरिक विकास को रोकता है।
सच्चाई ये है कि इसे करने से आपके तनाव कम होते हैं और शरीर में खुश करने वाले हार्मोन इंडॉरफिंस रिलीज होते हैं, जो आपको रिलैक्स करते हैं। यह आपको सोने में मदद करता है और आपके निजी अंग को सक्रिय रखता है।
इसे करने से आपको पता चलता है कि आपके शरीर को क्या चाहिए, मतलब ये है कि आप अपने होने वाले पार्टनर को अपनी इच्छाओं के बारे में बता पाते हैं। इसे सुरक्षित सेक्स का बेहतर तरीका माना जाता है।
क्या सेक्स टॉय का इस्तेमाल ठीक है?
लड़कियां हस्तमैथुन के समय अपने गुप्तांगों में ‘कुछ’ डालती हैं। ये सेक्स टॉय भी हो सकते हैं। ऐसा करना तब तक सुरक्षित है जब तक आपको किसी तरह का कष्ट न हो। इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वस्तु को आप ठीक से पकड़ें ताकि ये अंदर न रह जाए।
इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि अंदर जाने वाला वस्तु बैक्टेरिया रहित हो। उन चीज़ों का इस्तेमाल बिलकुल न करें जो गंदा हो। अगर किसी तरह का शक हो तो वस्तु पर कांडोम चढ़ा कर इस्तेमाल करें।