हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि गोरक्षक लोगों के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दे रहे हैं और उन्होंने चेताया कि हमला जारी रहा तो देश में अराजकता फैलेगी। लोकसभा सांसद ओवैसी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा उसकी सरकार गो रक्षकों को नहीं रोकना चाहती, क्योंकि वे उनके प्रति नरम रवैया रखते हैं।
असदुद्दीन ओवैसी का बयान
ओवैसी जम्मू एवं दिल्ली में मवेशी ढोने वालों पर गोरक्षकों के हालिया हमलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।
एआईएमआईएम के अध्यक्ष ने कहा कि गोरक्षकों द्वारा हमलों की घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं और अब तक वे नौ लोगों की हत्या कर चुके हैं और दो महिलाओं से दुष्कर्म कर चुके हैं।
उन्होंने कहा, “वे आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दे रहे हैं। मनमानी तरीके से लोगों को पीट रहे हैं। उन्होंने कानून का मखौल बनाकर रख दिया है। यह देश के लिए गंभीर चिंता की बात है। अगर यह जारी रहा, तो अराजकता और बढ़ेगी।”
हैदराबाद के सांसद ने कहा कि गोरक्षकों को रोकने को लेकर भाजपा के लिए यह माकूल समय है, ‘जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोग हैं।’
उन्होंने कहा, “वे इस बात से उत्साहित हैं कि जो पार्टी सत्ता में है, उसकी विचारधारा भी वही है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अतीत में गोरक्षकों से की गई अपील का संदर्भ देते हुए ओवैसी ने कहा, “प्रधानमंत्री केवल बातें करते हैं, करते कुछ नहीं।”
उन्होंने मांग की कि सरकार हमलावरों से कड़े कानूनों के माध्यम से कड़ाई से निपटे।
सांसद ने कहा, “अगर भाजपा हिंदुत्व पर अमल कर रही है, तो उसे ऐसा करने दीजिए और देखिए कि देश में इसका क्या परिणाम होता है।”
ओवैसी ने देश के विभिन्न हिस्सों में कश्मीरी युवकों पर हो रहे हमलों पर भी चिंता जताई और एक कश्मीरी स्कॉलर को बिट्स पिलानी छोड़ने के लिए विवश करने की घटना का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, “देश में मुसलमानों तथा कश्मीरियों के खिलाफ एक माहौल तैयार किया जा रहा है। या तो वे गोसंरक्षण के नाम पर मुसलमानों को पीट रहे हैं या कश्मीरी युवकों को प्रताड़ित कर रहे हैं।”
उन्होंने इस ओर इशारा किया कि कई कश्मीरी युवक मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा हरियाणा में प्रधानमंत्री स्कॉलरशिप के तहत पढ़ाई कर रहे हैं।
सांसद ने कहा, “कश्मीर की तरह कश्मीरी भी भारत का अखंड हिस्सा हैं।” उन्होंने मांग की कि सरकार हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर एक सख्त संदेश भेजे।