नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। अपने ब्लॉग में काटजू ने लिखा गोहत्या और गोसंरक्षण के मुद्दे पर मचे बवाल पर अपनी बेबाक राय रखी है।
बीजेपी और आरएसएस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करते हुए काटजू ने लिखा कि बीजेपी पर आरएसएस बुरी तरह हावी है। इसके मंत्री और पदाधिकारियों के पास संघ की दशकों पुरानी सदस्यता है।
काटजू का कहना है कि आरएसएस एक ऐसी संस्था है जिसका निर्माण भारत में ब्रिटिश राज में हुआ। इसका उद्देश्य भी मुस्लिम लीग की तरह भारत में अंग्रेजों की फूट डालो और शासन करो की नीति को बढ़ाना था।
काटजू ने कर ‘विकास’ की बातों को वास्तव में बेतुका करार दिया है। काटजू ने कहा कि यह अरुण शौरी के बयान से समझा जा सकता है, जो पहले खुलकर मोदी का समर्थन कर रहे थे।
काटजू के इस ट्वीट को शुक्रवार के बीजेपी नेता अरुण शौरी के उस बयान से जोड़कर देखा जा सकता है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली की तिकड़ी पर मिलकर पार्टी चलाने का आरोप लगाया था।
काटजू ने कहा है कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दोनों सांप्रदायित तनाव और सांप्रदायिक दंगों के दम पर फलते-फूलते हैं क्योंकि यह उनके मुख्य हथियार हैं।
इसके अलावा काटजू ने गोहत्या पर हो रहे विवाद पर भी खुलकर अपनी राय रखी। काटजू ने कहा कि हिंदू गाय माता को पवित्र मानकर उसकी पूजा करते हैं लेकिन ज्यादातर को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी गाय माता दर्द भरी मौत मरती हैं। जब वे बूढ़ी हो जाती हैं या फिर दूध देने योग्य नहीं रहतीं तो उन्हें सड़क पर छोड़ दिया जाता है। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता जब वे सड़क किनारे रखे पॉलीथिन और कूड़ा खाती हैं। इससे वे दर्दनाक मौत की ओर बढ़ती हैं और इस बात से उन्हें (हिंदुओं को) कोई असर नहीं पड़ता।