यूपी विधानसभा में बीजेपी की एेतिहासिक जीत के बाद आरएसएस के सदस्य बनने में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। 11 मार्च को नतीजे आने के एक हफ्ते के अंदर ही संघ में एंट्री पाने के लिए ढेरों अॉनलाइन आवेदन आ गए।
इंडियन एक्सप्रेस को संघ के जो आंकड़े मिले हैं, उसके मुताबिक 16 मार्च से लेकर 31 मार्च के बीच 22,432 अॉनलाइन आवदेन आए, जो एक रिकॉर्ड है। इनमें से 8,919 आवेदन यूपी से और 1,680 दिल्ली से थे। 1 अप्रैल से लेकर 15 के बीच 9,205 अॉनलाइन आवेदन आए, जिनमें से 2,788 यूपी से थे। आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि यह हमारा अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। यह सिर्फ अॉनलाइन है।
इसके अलावा जो लोग स्वयंसेवकों के जरिए भर्ती हुए हैं, वह रिकॉर्ड तो और शानदार है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के 3 वर्षों में हर महीने संघ के पास 7000 आवेदन आए हैं। जबकि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह आंकड़ा 31,637 तक पहुंच गया, जो 2014 के चुनावों से चार गुना है। 1 जनवरी से लेकर 31 मार्च तक संघ को 41,134 आवेदन मिले।
इस साल संघ ने पश्चिम बंगाल में भी शानदार ग्रोथ हासिल की है, जहां उसे 1 जनवरी से लेकर 15 अप्रैल के बीच 3,422 आवेदन मिले। आरएसएस ने पश्चिम बंगाल को दो प्रांतों में विभाजित कर दिया है-उत्तर और दक्षिण। राज्य में विस्तार के बारे में एक आरएसएस नेता ने बताया कि हम बंगाल में तेजी से बढ़ रहे हैं।
इसी वर्ष संघ के कोर ग्रुप ने एक प्रस्ताव पास किया है। साल 2013 में संघ को 28,424 आवेदन ही मिले थे, लेकिन उसके लिए साल 2014 बड़ा बदलाव लेकर आया और अचानक से आवेदनों में बढ़ोतरी देखी गई। उस वर्ष संघ को 97,047 आवेदन मिले थे।
इसके बाद 2015 में 81,620 और 2016 में 84,941 आवेदन मिले थे। इस साल 15 अप्रैल तक उसे 50, 339 आवेदन मिल चुके हैं। एक नेता ने कहा कि केरला, नॉर्थ ईस्ट और बंगाल सहित अन्य राज्यों में हमारी लोकप्रियता बढ़ रही है। इससे मालूम चलता है कि लोग हमारे काम और विचार धारा को अपना रहे हैं।
फिलहाल देशभर में आरएसएस की 57,233 शाखाएं हैं। इसके अलावा 14,650 मिलन और 7,790 मंडली भी हैं। शाखा की नजर से देखें तो संघ ने 2015-16 में शानदार ग्रोथ दर्ज की थी। इस साल देशभर की 3,644 जगहों पर 5,527 नई शाखाएं आयोजित हुई थीं। @ MALTIMEDIA