रांची : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा है कि समस्या की गंभीरता को देखते हुए ऐसे तत्वों की पहचान करें जो नन बैंकिंग कंपनियों के जरिये सीधे साधे लोगों से पैसा ठगने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी नन बैंकिंग का उपायुक्त स्तर पर प्रत्येक जिला का डाटा संग्रह कर सेबी, आरबीआई के साथ समन्वय स्थापित कर सत्यापन कराया जाये ताकि लोगों को ठगी से बचाया जा सके। वे आज नन बैंकिंग कंपनियों द्वारा की जा रही जालसाजी से संबंधित मुुद्दों पर आरबीआई, सेबी, सीआईडी, रजिस्ट्रार आॅफ कंपनीज, राष्ट्रीय आवास बैंक के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा कर रही थीं।
मुख्य सचिव ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में जहां कई बैंक अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं वहीं कुछ नन बैंकिंग कंपनियों द्वारा जालसाजी कर लोगों को ठगा जा रहा है। उन्होंने नन बैंकिंग या चिटफंड कंपनियों द्वारा ठगी पर लगाम लगाने हेतु वित्तीय संस्थानों के नियामक संस्थाओं यथा आरबीआई, सेबी, रजिस्ट्रार आॅफ कंपनीज तथा राष्ट्रीय आवास बैंक के साथ स्थानीय प्रशासनिक तथा पुलिस तंत्र को त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
बैठक में उपस्थित आरबीआई द्वारा 20 संस्थाओं, रजिस्ट्रार आॅफ कंपनीज द्वारा 78 संस्थाओं तथा राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा 10 संस्थाओं के झारखंड में निबंधन की जानकारी दी गयी। मुख्य सचिव द्वारा निदेश दिया गया कि सभी नियामक संस्थाओं में झारखंड राज्य में कार्य करने वाले पंजीकृत संस्थाओं का पूर्ण विवरण उपलब्ध करायें तथा उनके द्वारा निर्वहन किये जाने वाले सभी वैधानिक दायित्वों की समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें। जिले में नन बैंकिंग के कार्य में संलग्न सभी संस्थाओं की सूचना उपायुक्त के माध्यम से एकत्र कर सभी नियामक संस्थाओं के साथ साझा करें।
उन्होंने कहा कि अनिबंधित तथा अवैध रूप से संचालित नन बैंकिंग कंपनियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाय । साथ ही दूसरे राज्य में निबंधित कंपनियों द्वारा झारखंड किये जा रहे कारोबार को चिन्ह्ति कर उनसे संबंधित सूचना एकत्र की जाये और नियामक संस्थाओं से समन्वय स्थापित कर कार्रवाई की जाये। जिलों से प्राप्त सूचना अनुसार नन बैंकिंग क्षेत्र में 264 कंपनियां काम कर रही हैं और इस तरह के मामलों में 178 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
मुख्य सचिव ने राज्य सरकार द्वारा झारखंड जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण(वित्तीय संस्थाओं में) नियमावली 2015 के प्रावधानों के अनुरूप की जा रही कार्यवाही की भी समीक्षा की गई। मुख्य सचिव द्वारा कोर्ट नामित करने हेतु प्रशासी विभाग को शीघ्र कार्यवाई करने का निदेश दिया गया । साथ ही सीआईडी द्वारा उपलब्ध कराई गये 154 वादों की सूची पर वांछित कार्रवाई का निष्पादन शीघ्रता से करने का निदेश दिया गया।
श्रीमती वर्मा ने कहा कि सेबी, राष्ट्रीय आवास बैंक आदि में निबंधित नन बैंकिंग कंपनियों की अद्यतन स्थिति क्या है, और वे किस प्रकार कार्य कर रही है, इसकी समीक्षा प्रत्येक माह की जानी चाहिये। साथ ही अन-इनकाॅरपोरेटेड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि ऐसी नन बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें जो नियमों को ताक में रख कर काम कर रही हैं। श्रीमती वर्मा ने कहा कि सीआईडी के पास जिन कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैंे उनकी समीक्षा कर तीव्रगति से कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने 15 दिनों के अंदर सहकारिता विभाग को काॅरपोरेटिव सोसाइटी के मामले में कार्रवाई करने का निदेश दिया।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नन बैंकिंग कंपनियों की जालसाजी से सचेत करने के लिये ग्रामीण स्तर पर जागरूकता हेतु प्रचार प्रसार किया जायेगा। मुख्य सचिव ने निदेश दिया कि ग्रामीण हाट/स्कूल/ काॅलेज आदि ऐसे स्थानों पर प्रमुखता से प्रचार प्रसार करायें जहां लोगों की भीड़ इकट्ठी होती है। विदित हो कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा ग्रामीण हाट बाजारों में एलईडी वैन के माध्यम से सरकार की योजनाओं के साथ साथ धोखाधड़ी से सावधान रहने हेतु प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
बैठक में मुख्य रूप से अपर मुख्य सचिव एवं विकास आयुक्त श्री अमित खरे, सचिव योजना सह वित्त श्री सत्येन्द्र सिंह, सचिव सहकारिता विभाग, क्षेत्रीय निदेशक आरबीआई, झारखंड बिहार श्री एम के वर्मा, सेबी, रजिस्ट्रार आॅफ कंपनीज, सीआईडी, आयकर विभाग, राष्ट्रीय आवास बैंक सहित कई विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे। रिपोर्ट @अशोक कुमार झा