महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में उपचार के लिए आए एक व्यक्ति के सिर के नीचे उसी का कटा हुआ पैर रख दिया।
यह नजारा देख वहां मौजूद लोगों की तो रूह कांप गई, लेकिन, पत्थर दिल डाक्टरों का मन नहीं पसीजा। इमरजेंसी में मौजूद लोगों ने इस वीभत्स घटना की जानकारी सीएमएस को दी।
यूपी सरकार ने महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी में मरीज का पैर काटकर उसके सिर के नीचे रखने के मामले को गंभीरता से लिया है। मंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक ने संवेदनशीलता दिखाते हुए प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए चिकित्सकों व अन्य स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के निर्देश पर दो डॉक्टर व दो नर्स को निलंबित कर दिया गया है। जबकि डॉक्टर ऑन कॉल को चार्जशीट दी गई है। शासन ने इस मामले में जांच बैठा दी है और मेडिकल कालेज की प्रधानाचार्य से पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की गई है।
शनिवार सुबह मऊरानीपुर क्षेत्र के बम्हौरी व खिलारा के बीच स्कूली बच्चों की बस पलट गई थी। हादसे में छह बच्चे दबकर घायल हो गए थे, वहीं बस के क्लीनर लहचूरा थाना क्षेत्र के ग्राम इटायल निवासी घनश्याम (25) का बायां पैर घुटने के नीचे से कटकर अलग हो गया।
घायल बच्चों का उपचार मऊरानीपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया, जबकि घनश्याम को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। परिजन जब उन्हें लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो वहां डाक्टरों ने उसके कटे हुए पैर को ही उसके सिर के नीचे तकिया की जगह लगा दिया।
डाक्टरों की यह अमानवीय हरकत देख वहां मौजूद लोगों के मुंह से आह निकली और अपनी नाराजगी जताते हुए उन्होंने सीएमएस को फोन करके इसकी सूचना दी।
मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. हरीशचंद्र आर्य मौके पर पहुंचे और यह नजारा देख सकते में आ गए। उन्होंने इमरजेंसी में मौजूद डाक्टरों को जमकर फटकार लगाई और मरीज के सिर के नीचे से कटा हुआ पैर हटवाकर तकिया लगवाया।
उधर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने बताया कि जिस समय ये घटना हुई उस दौरान ड्यूटी पर तैनात इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. महेंद्र पाल सिंह, सीनियर रेजीडेंट आर्थोपैडिक डॉ. आलोक अग्रवाल, सिस्टर इंजार्ज दीपा नारंग व नर्स शशि श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है। डॉक्टर ऑन कॉल डॉ. प्रवीण सरावगी पर चार्जशीट जारी की गई है।
प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने बताया कि इस मामले में जांच बैठा दी गई है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा इस मामले पर नजर रखे हुए हैं।