राजस्थान में दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को मिली करारी हार से पार्टी के भीतर के लोग भी तिलमिलाए हुए हैं और केंद्र सरकार साथ-साथ सूबे की राजे सरकार पर हमलावर हो रहे हैं।
भाजपा विधायक घनश्याम तिवारी ने गुरुवार (1 फरवरी) को उपचुनाव हारने का कारण केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की राजे सरकार को बताया। घनश्याम तिवारी ने कहा- ”लोगों ने राजे सरकार को हटाने के बजाय उसे और केंद्रीय नेतृत्व को दंडित किया है। लोगों ने राजे सरकार को चार साल तक ही लूट जारी रखने की अनुमति दी थी।”
इस हार के बाद राजे के केंद्रीय नेतृत्व के साथ संबंधों की करीबी से जांच हो सकती है। उपचुनाव में भाजपा की तरफ से उतारे गए उम्मीदवार राजे की पसंद के ही थे और केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव प्रचार तक से दूरी बना रखी थी।
हालांकि बीजेपी इस बात से सांत्वना ले सकती है कि उसके समर्थकों ने उसे अभी एक ‘वेक अप’ (जगाने वाली) कॉल दी है, अगर ऐसा है तो हो सकता है कि अगले साल होने वाले चुनावों में बीजेपी को हराने वाले समर्थक वापस लौट आएं।
अजमेर के 58 वर्षीय चंद्रेश ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया- ”हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर बीजेपी का समर्थन किया। लोकिन नोटबंदी और जीएसटी सरकार के लिए ठीक नहीं बैठे।” 58 वर्षीय सुनील जैन ने कहा कि अभी पीएम मोदी वह करते हैं जिससे वह खुश होते हैं क्योंकि अभी आंतरिक या बाहरी प्रकार से कोई विपक्ष नहीं है।
उन्होंने कहा- ”भाजपा के अर्थशास्त्र के अलावा सब कुछ अच्छा है। मैं बीजेपी का बहुत बड़ा समर्थक हूं लेकिन उसके कारण व्यापार में घाटा उठा रहा हूं। इसलिए हो सकता है कि 2019 में हम बीजेपी को फिर से चुनें, लेकिन अभी हम बीजेपी को जगाना चाहते हैं।”
बता दें कि गुरुवार (1 फरवरी) को राजस्थान की तीनों सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम घोषित किए गए जो कि भाजपा के लिए निराशाजनक रहे। राज्य की अलवर और अजमेर लोकसभा सीट के साथ मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने बीजेपी करारी शिकस्त दी।
अलवर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार करण सिंह यादव ने बीजेपी के डॉक्टर जसवंत यादव को 1 लाख 96 हजार 496 वोटों के से हरा दिया तो अजमेर में बीजेपी के रामस्वरूप लांबा कांग्रेस के रघु शर्मा से 84 हजार 162 वोटों से हार गए, जबकि मांडलगढ़ से कांग्रेस उम्मीदवार विवेक धाकड़ ने 12 हजार 976 वोटों से जीत का परचम लहराया।