नई दिल्ली- लिव इन रिलेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को परेशानी में डाल दिया है ! दरअसल भारतीय मूल के लिव इन पार्टनर प्रवासी भारतीय कार्ड चाहते हैं, लेकिन सरकारी नियमों के मुताबिक ये कार्ड अब तक सिर्फ पति-पत्नी को दिया जाता था, लेकिन लिव इन पार्टनरों की इस मांग ने सरकार के लिए दुविधा की स्थिति खड़ी कर दी है। गृह मंत्रालय अब संबंधित नियमों पर गौर कर रहा है और विचार कर रहा है कि लिव इन पार्टनर के इन आवेदनों पर क्या किया जाए।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ‘हमें भारतीय मूल के कई लिव इन पार्टनरों के आवेदन मिले हैं। हमें फिलहाल नहीं पता कि क्या किया जाए क्योंकि नियम केवल पति पत्नी को ही ओसीआई कार्ड जारी करने की अनुमति देते हैं।’ एक या दो शुरुआती मामलों में आवेदक सुविधा से इनकार किये जाने पर अदालत पहुंच गये।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ओसीआई कार्ड के लिए आवेदन करने वालों में बहुत से लिव इन रिलेशन वाले हैं। कानूनी मान्यता नहीं होने के कारण उनके पार्टनर को ओसीआइ कार्ड जारी करना संभव नहीं है। ऐसे आवेदन को ठुकराने के अलावा गृह मंत्रालय के पास कोई रास्ता नहीं है। लेकिन कई आवेदकों के लिए इसे स्वीकार करना मुश्किल हो रहा है। वे अधिकारियों के साथ लंबी बहस पर उतारू रहते हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुछ लोग अदालत में जाने की धमकी भी दे रहे हैं।
मोदी सरकार ने ओसीआई कार्ड की मान्यता आजीवन कर दी थी। इसके साथ ही पीआइओ (पीपुल आफ इंडियन ओरिजिन) को ओसीआई कार्ड के साथ मिला दिया गया है। यानी पीआइओ कार्ड धारक भी सीधे ओसीआई कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद इसके आवेदकों की संख्या तेजी से बढ़ी है।