सर्वोच्च न्यायालय की कार्यवाही का जल्द ही सजीव प्रसारण शुरू हो सकता है। अदालत ने शुक्रवार को कहा कि यह मामलों की अदालत के कक्षों में भारी भीड़ के बिना खुली अदालत की सुनवाई की अवधारणा का विस्तार है।
रिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह की याचिकाओं के एक समूह पर आदेश सुरक्षित करते हुए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर व न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने कहा, “पहले इसे शुरू करने दें। हम सिर्फ एक पॉयलट परियोजना पर हैं।
हम किसी चीज से मना नहीं कर रहे हैं और हम समय के साथ सुधार करेंगे।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने इसके संभावित दुरुपयोग होने की अपनी आशंका जाहिर की, लेकिन अन्य ने रिकॉर्ड की गई कार्यवाही के ट्रांसक्रिप्शन सहित इसके विस्तार की बात कही।
महान्यायवादी के.के.वेणुगोपाल ने शुक्रवार को अदालत की कार्यवाही के सजीव प्रसारण के संबंध में व्यापक दिशा-निर्देश जमा किए।
इसमें कहा गया कि शीर्ष अदालत की कार्यवाही का सजीव प्रसारण देश के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली अदालत में एक पायलट परियोजना के रूप में होगा और यह संवैधानिक पीठ के मामलों की कार्यवाही तक ही सीमित होगा।
यह सिर्फ पॉयलट परियोजना की सफलता पर निर्भर होगी कि सजीव प्रसारण अदालत की दूसरी पीठों में भी लागू किया जाए। एजेंसी