मथुरा – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 मई को उत्तर प्रदेश के मथुरा में जिस प्रोग्राम में भाग लेने वाले हैं उसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को बीमार होने के बावजूद आमंत्रित किया गया है लेकिन बीजेपी के बेहद अहम नेता लालकृष्ण आडवाणी को नहीं बुलाया गया है।
दीनदयाल उपाध्याय जन्मभूमि स्मारक समिति ने इस प्रोग्राम का आयोजन किया है। इस समिति का कहना है कि आडवाणी कभी भी इस समिति का मेंबर नहीं रहे हैं इसलिए उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। इस प्रोगाम का आयोजन मथुरा के नागला चंद्रभान गांव में दीनदयाल धाम में आयोजित किया गया है।
जब समिति के सचिव रोशन लाल से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि स्वास्थ्य कारणों से वाजपेयी इस प्रोग्राम में आने की स्थिति में नहीं हैं लेकिन उन्हें आमंत्रण भेजा गया है। वाजपेयी इस समिति के पहले अध्यक्ष थे। वह अब भी समिति के संरक्षक हैं। आडवाणी को इसलिए आमंत्रित नहीं किया गया क्योंकि वह कभी भी इस समिति के सदस्य नहीं रहे हैं।’
जब रोशन लाल से पूछा गया कि इस समिति के सदस्य तो मोदी भी नहीं हैं और इससे पहले वह दीनदयाल धाम कभी आए भी नहीं हैं, तो उन्हें क्यों आमंत्रित किया गया? इस पर रोशन लाल ने कहा, ‘हमलोग केवल मोदीजी का स्वागत करने जा रहे हैं। वह पार्टी रैली को संबोधित करने आ रहे हैं। रैली बिल्कुल अलग इवेंट हैं। मोदीजी दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति को माला पहनाएंगे और समिति के सदस्यों से मुलाकात करेंगे।’
लाल ने इस बात की पुष्टि की है कि समिति के ज्यादातर सदस्य आरएसएस से हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन यह आरएसएस के अलग संस्था है। 2001 में जब वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब वह दीनददयाल धाम संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना को लॉन्च करने आए थे।
नेहरू युवा केंद्र के प्रोग्राम में 2002 में यहां आडवाणी भी यहां आए थे। सोमवार को मोदी दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल जाएंगे। मोदी यहां रैली को संबोधित करने से पहले जाएंगे। रैली ग्राउंड नागला चंद्रभान गांव के पास में ही है। मोदी यहां आरएसएस के 50 सदस्यों जो कि दीनदयाल उपाध्याय जन्मभूमि स्मारक समिति के भी सदस्य हैं से बंद दरवाजे में मीटिंग करेंगे।