नई दिल्ली : 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के एक और सियासी घराने में बड़ी फूट पड़ गई है। दरअसल, बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के पूर्व एमएलसी और गाजियाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके मुकुल उपाध्याय को शुक्रवार को पार्टी से बाहर कर दिया था। पार्टी से निकाले जाने के बाद अब मुकुल उपाध्याय ने मायावती पर टिकट के बदले पांच करोड़ रुपए मांगने का आरोप लगाया है। मुकुल उपाध्याय बसपा सरकार में मंत्री रह चुके पार्टी के दिग्गज नेता रामवीर उपाध्याय के छोटे भाई हैं। मुकुल ने अपने भाई पर ही उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है।
आपको बता दें कि रामवीर उपाध्याय की गिनती बसपा के दिग्गज नेताओं में होती है। वो बसपा सरकार में ऊर्जा मंत्री भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी यूपी की फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से सांसद रह चुकी हैं। रामवीर समेत उनके चार भाई राजनीति में हैं और दो भाई सरकारी नौकरी में हैं। रामवीर के भाई और पूर्व एमएलसी मुकुल उपाध्याय गाजियाबाद लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह के सामने चुनाव भी लड़ चुके हैं। शुक्रवार को मायावती ने मुकुल उपाध्याय के ऊपर पार्टी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया।
पार्टी से निकाले जाने के बाद शनिवार को मुकुल उपाध्याय ने मायावती पर आरोप लगाया कि यूपी की अलीगढ़ लोकसभा सीट से टिकट के बदले उनसे पांच करोड़ रुपए की मांग की गई और रुपए नहीं देने पर पार्टी से बाहर कर दिया गया। मुकुल उपाध्याय ने यह भी आरोप लगाया कि उनके सगे भाई रामवीर उपाध्याय ने ही उनके खिलाफ साजिश रची है और वो उनकी हत्या भी करा सकते हैं। मुकुल ने कहा कि रामवीर अपनी पत्नी सीमा उपाध्याय को अलीगढ़ से बसपा का टिकट दिलाना चाहते हैं, इसलिए उनके खिलाफ साजिश रची गई है।
अपने आरोपों में मुकुल उपाध्याय ने कहा, ‘बसपा अध्यक्ष मायावती ने पहले खुद मुझे अलीगढ़ से चुनाव लड़वाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद पार्टी नेताओं के जरिए मुझसे टिकट के बदले पांच करोड़ रुपए की मांग की गई। इस मामले को लेकर जब मैंने अपने भाई रामवीर से बात करनी चाही तो उन्होंने भड़कते हुए कहा कि अलीगढ़ सीट से तो तुम्हारी भाभी सीमा को चुनाव लड़वाया जाएगा। मेरे खिलाफ एक साजिश रची गई है और मेरे भाई ने ही यह साजिश रची है।’ वहीं, इस मामले पर रामवीर उपाध्याय का कहना है कि भाई के हत्या कराए जाने जैसे आरोपों से वो बेहद दुखी हैं।
बसपा के नेताओं से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि मुकुल उपाध्याय भारतीय जनता पार्टी में जाने की फिराक में थे, इसीलिए उन्हें पार्टी से निकाला गया है। पांच करोड़ मांगे जाने की बात को खारिज करते हुए बसपा नेताओं ने बताया कि यह आरोप बेबुनियाद है, पार्टी ने किसी तरह से रुपए की मांग नहीं की। वहीं, मुकुल उपाध्याय ने भाजपा में जाने की खबरों का खंडन किया।