लोकायुक्त पुलिस ने रविवार को यहां वन विभाग के अफसर के ठिकानों पर छापे मारे और उसकी दो करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की बेहिसाब संपत्ति का खुलासा किया।
लोकायुक्त पुलिस के उपाधीक्षक (डीएसपी) प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) आरएन सक्सेना (61) के खिलाफ शिकायत मिली थी कि उन्होंने भ्रष्ट तरीकों से बड़े पैमाने पर संपत्ति अर्जित की है।
इस शिकायत पर सक्सेना और उनके नजदीकी रिश्तेदारों के परिसरों समेत कुल पांच ठिकानों पर एक साथ छापे मारे गये। उन्होंने बताया कि फिलहाल सक्सेना नजदीकी महू रेंज में पदस्थ हैं।
उन्होंने सरकारी सेवा में 1995 में भर्ती होने के बाद अपने वेतन से करीब 60 लाख रुपये कमाये हैं। लेकिन लोकायुक्त पुलिस को छापों में सुराग मिले हैं कि वन विभाग के अफसर और उनके नजदीकी रिश्तेदारों की चल-अचल संपत्ति का कुल मूल्य दो करोड़ रुपये से ज्यादा है।
बघेल ने बताया कि छापों में सक्सेना के घर से 3.54 लाख रुपये की नकदी और सोने-चांदी के जेवरात बरामद किये गये हैं।
सक्सेना और उनके करीबी रिश्तेदारों की अचल सम्पत्तियों में दो भूखंड, तीन हॉस्टल, दो आवासीय भवन और कुछ कृषि भूमि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि लोकायुक्त पुलिस को वन विभाग के अफसर और उनके नजदीकी संबंधियों के 13 बैंक खातों तथा एक लॉकर की भी जानकारी मिली है।
लोकायुक्त पुलिस की जांच जारी होने के चलते इन खातों से लेन-देन पर अस्थायी रोक लगा दी गयी है।
डीएसपी ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस शहर के सांवेर रोड स्थित एक प्लायवुड कारखाने और कुछ अन्य सम्पत्तियों को लेकर जांच कर रही है।
उन्होंने बताया कि इन सम्पत्तियों के बारे में संदेह है कि इन्हें सक्सेना ने अपने करीबी लोगों के नाम से खरीद रखा है ताकि वह अपनी कथित काली कमाई को कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निगाहों से बचा सके।
वन विभाग के अफसर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत विस्तृत जांच और उसकी बेहिसाब संपत्ति का मूल्यांकन जारी है।