लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बहराइच से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की दलित सांसद सावित्री फुले ने भगवान राम को मनुवादी बताया है। भगवान हनुमान की जाति पर उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि वह वंचित थे, इसलिए वह इंसान नहीं बन पाए। बता दें कि इस विवाद का जन्म उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान से हुआ था, जिसमें उन्होंने हनुमान को वंचित और वनवासी बताया था। सीएम के बयान के बाद न केवल विपक्षी दलों बल्कि बीजेपी के कुछ नेताओं ने इस मसले पर सीएम की आलोचना की।
फुले ने पत्रकारों से कहा, “हनुमान जी, दलित थे। लेकिन मनुवादियों के गुलाम थे। मैं कहना चाहती हूं कि अगर वह दलित थे और हनुमान इंसान थे, तो पूंछ क्यों लगाई गई, मुंह पर कालिख क्यों लगाई गई? जिन लोगों ने राम का बेड़ा पार कराने का काम किया, उन्हें बंदर क्यों बनाया गया?”
इससे पहले, राजस्थान विस चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी ने अलवर में एक रैली के बीच कहा था, “हनुमान दलित थे, जिन्होंने भारत को पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक एक करने का काम किया था।” हालांकि, प्रयागराज में उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान अपने बयान का जिक्र किए बगैर उस पर सफाई दी थी। कहा था, “मेरी बात को फिजूल में तूल दिया जा रहा है। धर्म का मर्म न समझने वाले ही मेरे बयान के बाल की खाल निकाल रहे हैं। पर इसका कोई मतलब नहीं है।”
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा, “बीजेपी लोगों का ध्यान भटका रही है। वह अब भगवान हनुमान को दलित बता रही है। यह हनुमान जी का अपमान है। बीजेपी लोगों को धर्म के बारे में बताने वाली कौन होती है? वह हिंदू और मुस्लिम के नाम पर लोगों को बांटना चाहती है।”
बीजेपी की निंदा करते हुए वह आगे बोलीं- रामचंद्र जी ने रावण को मारा था। हम भी इस राजनीतिक जंग में रावण को मार गिराएंगे। और जो लोग हनुमान को दलित बता रहे हैं, वे भविष्य अन्य समुदायों को चूहा, बिल्ली और कुत्ता बता सकते हैं। वे हनुमान को पशु जो बता रहे हैं। अगर बीजेपी ऐसा ही करती रही तो लोग चुनाव में इसका करारा जवाब देंगे। वहीं, सीएम के बयान के बाद भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने अपने सदस्यों से कहा था कि वे देश भर में सभी हनुमान मंदिरों पर कब्जा कर लें और वहां दलित पुजारी को नियुक्त करें।