लखनऊ [ TNN ] लखनऊ में आज कल हर तरफ तरफ से दुर्घटनाओ की खबरे आ रही है। इन दुर्खटनाओ में मरने वालो की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इनमे शहीदपथ, कानपूर रोड, फैज़ाबाद रोड, सीतापुर रोड, गोमती नगर सहित कई इलाके शामिल है। इन घटनाओ में ज्यादातर बाइक सवार लोग है, जिने किसी न किसी चार पहिया वाले ने पीछे से टक्कर मारी होती है। हालांकि टक्कर से तो बाइक सवार बच भी जाए , पर चार पहिया वाला टक्कर मार के जल्दी भागने के चक्कर में उनको ज्यादा चोट दे रहे है। यही नहीं कई मामलो में तो चश्मदीदो ने बताया की गाड़ी भागने में उसने गाड़ी घायलो के ऊपर ही चढ़ा दी। ऐसी गंभीर हालत में घायल को के0जी0एम0सी0 के ट्रामा सेंटर लाने के अलावा कोई चारा नहीं।
यहाँ जबरदस्त लापरवाही देखने को मिलती है। यहाँ आप की सुनने वाला कोई नहीं। कहा जाये, क्या करे कुछ पता नहीं। यहाँ कोई सीनियर डॉक्टर आप को नहीं मिलेगा। पूरा ट्रामा जूनियर डॉक्टरों के हवाले चल रहा है। यहाँ डॉक्टर आप को समय रहते देखले तो उसकी महान कृपा है। याहा भयानक इन्फेक्शन के बीच डॉक्टरों की भयंकर लापरवाही देखने को मिलती है। ऐसे में दुर्खटना में ज्यादा खून बहने व गंभीर हेड इंजरी के मरीज़ को समय रहते इलाज नहीं मिलता।
गंभीर रूप से घायलो में ट्रामा आने वालो में मरने वालो की सख्या लगातार बढ़ रही है। कारण सिर्फ लापरवाही है। जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं है। ट्रामा इंचार्ज डॉ0 शंकधर के तो दर्शन ही दुर्लभ है, अगर मोबाइल से बात हो भी गई, तो कोई गारंटी नहीं की उनके कहने पर भी गंभीर दुर्घटनाग्रस्त मरीज़ को तत्काल इलाज मिल पायेगा।
यहाँ सब राम भरोसे है। कहने को तो यहाँ शिफ्ट वाइज कई पी0आर0ओ है, पर वो भी अपनी मज़बूरी बताते है। सीनियर डॉक्टर मिलते नहीं, जूनियर डॉकटरो के लिए किसी का मरना-जीना कोई खास महत्त्व नहीं रखता।
रिपोर्ट :-शाश्वत तिवारी