लखनऊ : अमेरिकन कंपनी ऑइल स्पिल ईटर इंटरनेशनल कार्पोरेशन के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश जल निगम, प्रदेश की सभी दूषित नदियों को साफ करने के लिए एक प्रयोग मनकामेश्वर मंदिर के सामने स्थित नाले पर कर रहा है।
जिसमें कुछ मशीनों और गुड बैक्टीरिया के साथ नाले का गंदा, मलयुक्त पानी कुछ ही मिनटों में साफ और स्वच्छ हो जाता है। इस प्रयोग के लिए नाले के पानी को रोककर उसमें विशेष तरह की मशीनें लगाई गयी हैं जो पूरी गंदगी को तोड़ फोड़कड़ कर एक एक बैक्टीरिया के साथ मिलकर तुरंत स्वच्छ कर देती हैं और नाले का पानी एकदम साफ होकर नदी में प्रवाहित हो जाता है।
यह प्रयोग अभी फिलहाल गोमती नदी की सफाई के लिए एक एसटीपी पर किया जा रहा है। जो प्रमाणित होने के बाद जल निगम के साथ मिलकर अन्य जगहों पर किया जाएगा।
विशेष बात यह है कि आगामी कुंभ में नदी को स्वच्छ रखने के लिए यह प्रयोग मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह कंपनी दुनिया के 102 देशों में 42 हजार से अधिक नालें और नदियों की सफाई के प्रोजेक्टस को(अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जैम्बिया, मैक्सिको, नाइजीरिया आदि में) मूर्त रूप दे रही है।
कंपनी का दावा है कि कैमिकल के द्वारा ही गंदगी को कार्बन डाई ऑक्साइड और पानी में बदल कर गंदगी को जाने से रोकती है।
इसी पूरी प्रक्रिया का प्रयोग बुधवार(31 अक्टूबर) 12 बजे गोमती तट पर किया गया। जिसमें प्रमुख सचिव जल निगम मनोज कुमार सिंह, मैनेजिंग डायरेक्टर जल निगम ए के श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर गंगा अजय रस्तोगी, अनिल कुमार जिंदल चीफ इंजीनियर लखनऊ, जीएम लखनऊ एस के गुप्ता, सौरभ श्रीवास्तव प्रोजेक्ट मैनेजर गोमती, पी के पुंडीर प्रोजेक्ट इंजीनियर गोमती, अंजू वर्मा असिस्टेंट प्रोजेक्ट इंजीनियर गोमती और अन्य ने निरीक्षण किया। इस प्रोजेक्ट के दीर्घकालिक परिणामों को लेकर चर्चा हुई।
रिपोर्ट @शाश्वत तिवारी