खंडवा [ TNN ] मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग ने खंडवा में आयोजित राष्ट्रीय किशोर अलंकरण समारोह में , वर्ष 2012 – 2013 के राष्ट्रीय किशोर अलंकरण से गीतकार समीर को सम्मानित किया। सम्मान पाकर अभिभूत हुए गीतकार समीर ने इसे किशोर दा का आशीर्वाद बताया ,और सम्मान देने के लिए प्रदेश सरकार और खंडवा वासियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि कलाकार मरता नहीं है और किशोर दा आज भी हमारे बीच में है।
अपनी मस्ती भरी आवाज से करोड़ो संगीत प्रेमियों को आंदोलित करने वाले प्रख्यात पाश्र्व गायक व हरफन मौला कलाकार किशोर दा की पुण्य तिथि (13 अक्टूबर) को उनकी जन्म भूमि खडवा के पुलिस ग्राउण्ड पर आयोजित समारोह में गीतकार समीर को सह सम्मान केबिनेट मंत्री विजय शाह के हाथों प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप गीतकार समीर को दो लाख का चेक, सम्मान पट्टिका, शॉल, श्रीफल भेट किया गया। समीर को यह सम्मान गीत लेखन के क्षेत्र में प्रदान किया गया। सम्मान अलंकरण मंच से विख्यात पाश्र्व गायिका ऊषा मंगेशकर मोजूद थी। उन्होने अपने आर्केस्टा् के साथ सुरों से समा बाधा ओर करीब एक घण्टे तक रंगारंग प्रस्तुतियां दी।
किशोर दा अवार्ड प्रत्येक वर्ष बारी-बारी से निर्देशन, अभिनव पटकथा एवं गीत लेखन के क्षेत्र में दिया जाता है। समारोह में संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा, महापौर भावना शाह, और विधायकगणा मंचासीन थे। प्रशस्ति पत्र का वाचन प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने किया।
कार्यक्रम मं पटवा ने कहा कि प्रदेश सरकार कला व संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिये शिक्षण प्रशिक्षण को बढावा दे रहा है। खडवा में 7 एकड भूमि पर संगीत महाविद्यालय आकार लेगा। इस पर 15 करोड रूपये खर्च होगा और भोपाल के भारत भवन के समतुल्य संकेुल होगा। उन्होने कहा कि कला संस्कृति के क्षेत्र में प्रतिभायें आगे बढे इसके लिये प्रदेश सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। कार्यक्रम को विजय शाह ने भी संबोधित किया।
सम्मान के प्रति उत्तर में बोले
सम्मान पाकर अभिभूत हुए समीर ने इसे अपने जीवन का सबसे बढ़ा सम्मान बताया। उन्होंने कहा की यह अलग अनुभूति है , उसका कारण है की कुछ सम्मान ऐसे होते है जो आपकी विधा से , आपकी इंडस्ट्री से जुड़े नहीं होते वो दूसरी दुनिया के लोग होते है और आपको सम्मानित करते है , कुछ सम्मान ऐसे होते है जहाँ आप रहते है , जिस विधा से आप जुड़े है उसके लिए काम करते है , वहां का कोई आदमी आपको सम्मानित करता है उसके लिए सम्मान दिया जाता है तो बहुत ही गौरव महसूस होता है , ख़ास तौर पर किशोर दा के बारे में मै कहूँगा की किशोर अलंकरण मिलना ,उनका आशीर्वाद रहा हो , यह तो उसका प्रसाद है।
समीर ने कहा की हर सम्मान का एक गौरव होता है , हर सम्मान की अपनी एक जगह होती है , उत्तरप्रदेश मेरा अपना प्रदेश है , वहां मेरे अपने लोग है , ने मुझे इस लायक समझा , मै उन शुक्रिया अदा करता हूँ , मगर यहां मुझे ये अच्छा लगता है की जब बेगाने याद करते है यह बहुत ही बड़ी बात है की मध्य प्रदेश की सरकार और खंडवा वासियों ने मुझे अपना समझा मुझे बुलाया और सम्मानित किया।
इस मौके पर प्रस्तुति देने आई प्रख्यात गायिका उषा मंगेशकर ने भी गीतकार समीर को किशोर कुमार सम्मान मिलने पर बधाई दी। सम्मान समारोह में शामिल होने से पहले गीतकार समीर सपरिवार , किशोर कुमार की समाधिस्थल पहुंचे और किशोर कुमार को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये , उसके बाद वे किशोर स्मारक भी पहुंचे , यह सब देखकर उन्होंने कहा की किशोरकुमार और बॉलीवुड दो नाम नहीं है , किशोर कुमार के बगैर बालिवूड नहीं है , किशोर कुमार बने थे , केवल गाना गाने के लिए , बॉलीवुड उन्हें सदियों तक याद करता रहेगा। उन्होंने खंडवा के लोगो का शुक्रगुजार होते हुए कहा की , जिस तरह से खंडवा वाले किशोर कुमार को याद करते है , उसी तरह आने वाले दिनों में वो तमाम फनकार वो कलाकार जो प्रदेश की जिस मिटटी से है वहां के लोग उन्हें इस तरह से चाहेंगे।
साल में दो दिन किशोर के नाम
तेरी दुनिया से होके दूर चला, बहुत दूर चला’के साथ किशोर दा जल्द कम उम्र में दुनिया का अलविदा कर गये लेकिन खडवा वासी उन्हें जेहन मे रखकर उनकी जयंति (4 अगस्त)और पुण्यतिथि(13 अक्टूबर) को खंडवा में कार्यकम आयोजित कर स्मरण करने में चूक नहीं करते। साल के ये देा दिन तो खंडवा में किशोर दा के ही नाम होते है। इस अटूट बंधन के पीछे किशोर दा का अपनी माटी और अपने शहर खडवा से असीम लगाव रहा जो उनकी अंतिम संस तक जेहन और जुबान पर रहा और इसी के चलते उनकी अंतिम इच्छा अनुरूप उनका अंतिम ससकार भी खडवा में ही किया गया है। इस संस्कार स्थल ने अब एक भव्य स्मारक का रूप ले लिया है जहां उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिये देश के कोने कोने से स्नेहीजन व प्रशंसक शीश नवाने पहुचंते है।