भोपाल- मध्य प्रदेश विधानसभा में वित्त मंत्री जयंत मलैया का बजट भाषण शुरू हो गया है। वह लगातार चौथी बार वे बजट पेश कर रहे हैं।। इसके पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बजट का अनुमोदन किया गया।
वित्तमंत्री ने शायरी के साथ अपना भाषण शुरू किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास दर 12.12 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के बजट में सबका साथ, सबका विकास पर जो होगा। वित्तमंत्री ने कहा कि दृष्टिपत्र 2018 से राज्य की विकास नीति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
25 नई लघु सिंचाई परियोजनाएं होंगी शुरू
2017-18 में दो सिंचाई परियोजना को शुरू करने का प्रावधान किया गया है। बीना वृहद परियोजना को जल्द शुरू किया जाएगा। सिंचाई के लिए 9 हजार 850 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वित्तमंत्री ने बजट में कर्ज लेने का संकेत भी दिया। 25 नई लघु सिंचाई परियोजना शुरू होगी। गंभीर डैम परियोजना 2019 तक पूरी होगी। प्रदेश में 33 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई की क्षमता हासिल कर ली गई है। वित्तमंत्री ने फसल बीमा के लिए 2 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान की बात कही। पशुपाल योजनाओं के लिए 1001 करोड़ का प्रावधान भी किया गया है।
नर्मदा नदी के लिए बजट में कमी नहीं होगी
वित्तमंत्री मलैया ने कहा नर्मदा सेवा यात्रा और नर्मदा नदी को संवारने के लिए बजट की कमी नहीं होगी। सात लाख किसानों को प्रधानमंत्री योजना से जोड़ा जाएगा। एक हजार से अधिक आबादी वाली बस्तियों में नल-जल की व्यवस्था होगी। पीएचई को पेयजल के लिए 2493 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। प्रदेश में निवेश को उच्च स्तर तक पहुंचाना भी सरकार का लक्ष्य है। वित्तमंत्री ने कहा कि निर्माण सेक्टर में बढोतरी की दर 7.41 फीसदी का अनुमान है।
प्रदेश में सात नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे
निर्मल भारत मिशन के तहत प्रदेश में 23 लाख शौचायल बनाने का लक्ष्य है। अमृत योजना के लिए 700 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। गांव के 11 और शहरों के 27 स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा के लिए बजट में 7472 करोड़ का प्रावधान किया गया है। डॉक्टरों के लिए अनुसूचित व ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने के लिए विशेष भत्ता दिया जाएगा। मेडिकल कॉलेजों के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 115 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। प्रदेश में सात नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए 6 नए पोषण केंद्र। 2918 करोड़ आंगनवाड़ी में पोषक आहार के लिए दिए जाएंगे। निर्मल भारत मिशन के लिए 1750 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
पहली से 11वीं कक्षा तक चलेंगी एनसीईआरटी की किताबें
वित्तमंत्री जयंत मलैया ने प्राथमिक शिक्षा के लिए 3400 करोड़ प्रावधान किया है। प्रदेश में पहली से 11वीं तक की कक्षा में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई कराई जाएगी। इसके साथ ही सरकार 36 हजार शिक्षको की भर्ती करेगी। 12वीं में 85 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले मेधावी छात्रों को अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री छात्र योजना के लिए एक हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में दस आईटीआई को उत्कृष्ट बनाया जाएगा। राष्ट्रय शिक्षा मिशन के लिए 742 करोड़ रुपए का प्रावधान है। एससी एसटी और पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए 2327 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
यह हैं उम्मीदें
प्रदेशवासियों को बजट से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि अगले साल ही प्रदेश विधानसभा के चुनाव होने हैं और ऐसे में बजट को लोकलुभावन बनाने की चुनौती सरकार के सामने है।
बजट में वित्तीय स्थिति और सरकारी खजाने के बीच संतुलन साधने की कोशिश की जाएगी। लगातार घाटे में चल रही सरकार अपनी आमदनी और राजस्व बढ़ाने के लिए प्रयास करेगी।
वही सरकार गरीबों और महिलाओं के लिए नरम दिली दिखा सकती है। इसलिए गरीबों के लिए पक्के एवं छोटे आवासों का सपना पूरा करने के प्रावधान भी किए जा सकते हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी सरकार विशेष योजनाओं का एलान कर सकती है। जिसके लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जा सकता है।
राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पेयजल के लिए भी दिल खोल सकती है। प्रदेश में स्मार्ट सिटी के लिए भी बजट में प्रावधान की होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि मादक पदार्थों पर सरकार बजट में तल्खी दिखा सकती है, वहीं आम आदमी के लिए रोजमर्रा के जीवन में उपयोग आने वाली वस्तुओं में कुछ राहत देखने को मिल सकती है।