शिवराज सिंह चौहान सदन में बहुमत का आंकड़ा आसानी से पा लेंगे। हालांकि भविष्य में उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं। जिसमें अगले छह महीनों के अंदर प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर होनें वाला उपचुनाव प्रमुख है। शिवराज को अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए इनमें से नौ सीटें जीतना जरूरी है।
भोपाल : मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया। इस दौरान एक भी कांग्रेस विधायक सदन में मौजूद नहीं था। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया।
विधानसभा सत्र 27 मार्च तक चलेगा। इस चार दिवसीय सत्र में सदन की कुल तीन बैठकें होंगी। सत्र के प्रथम दिन सरकार के प्रति विश्वास प्रस्ताव भी लाया जाएगा। इसी दौरान वर्ष 2020-21 के लिए लेखानुदान भी प्रस्तुत किया जाएगा।
माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान सदन में बहुमत का आंकड़ा आसानी से पा लेंगे। हालांकि भविष्य में उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं। जिसमें अगले छह महीनों के अंदर प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर होनें वाला उपचुनाव प्रमुख है। शिवराज को अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए इनमें से नौ सीटें जीतना जरूरी है।
24 सीटों पर होंगे उपचुनाव
मध्यप्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। इनमें से दो सीटें विधायकों के निधन के कारण पहले से खाली थी। बाद में विधानसभा अध्यक्ष ने सिंधिया समर्थक 22 अन्य विधायकों की सदस्यता समाप्त कर दी थी। जिसके बाद अब प्रदेश में कुल 24 सीटें खाली है। इन सीटों पर आगामी छह महीने के अंदर उपचुनाव कराए जाने हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
वहीं दूसरी ओर चौहान के कमान संभालने के कुछ देर बाद ही विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने इस्तीफा दे दिया। बता दें कि शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालते ही एक्शन मोड में आ गए।
उन्होंने सबसे पहले कोरोना वायरस (COVID19) के मद्देनजर वल्लभ भवन में प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों एवं केन्द्र से आए उच्च अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक की और इससे निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। जानकारी के मुताबिक शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय पहुंचे और पूजा-अर्चना भी की।