मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस के 6 विधायकों- इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविंद सिंह राजपूत और प्रभु राम चौधरी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। कांग्रेस ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है।
मध्य प्रदेश में सत्ता के लिए संघर्ष के बीच विधानसभा के अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने सभी 6 बागी मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं। इन मंत्रियों को शुक्रवार को ही कैबिनेट से बर्खास्त किया जा चुका है।
विधानसभा अध्यक्ष ने आज शाम ही कहा था कि कुछ विधायकों के मामले गंभीर हैं, उन पर जल्द फैसला लूंगा। मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार होने के साथ ही मध्यप्रदेश विधानसभा में सदस्यों की संख्या घटकर 222 हो गई है।
विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक (चीफ विप) गोविंद सिंह ने यह विप जारी किया है। विप के मुताबिक, मौजूदा विधानसभा का पांचवां सत्र 16 मार्च से 13 अप्रैल तक चलेगा। विप में कांग्रेस विधायकों को आदेश दिया गया है कि सत्र की कार्यवाही के दौरान भोपाल में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें और किसी भी स्थिति में सरकार में पक्ष में ही मतदान करें।
जिन मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार किए गए, उनके नाम हैं.. इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविंद सिंह राजपूत और प्रभुराम चौधरी। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने 16 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के लिए अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी कर दिया है।
मध्य प्रदेश में उठी सियासी उथल-पुथल के बीच भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। भाजपा सदस्यों ने राज्य में 16 मार्च से पहले विधानसभा का सत्र बुलाने और शक्ति परीक्षण कराने की मांग वाला पत्र सौंपा। उधर, कांग्रेस ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है।
अपनी सरकार पर उठे संकट के बावजूद मुख्यमंत्री कमलनाथ यही दावा कर रहे हैं कि उनके पास पर्याप्त बहुमत है। साथ ही उन्होंने भाजपा पर विधायकों को अपने खेमे में शामिल करने के लिए खरीद फरोख्त की कोशिश का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि आगामी विधानसभा सत्र में बहुमत परीक्षण के लिए तैयार हैं। हालांकि भाजपा 16 मार्च से बहुमत परीक्षण कराने की बात कह रही है।