बैतूल- विज्ञान के इस युग में आप भले विश्वास करे या न करे, लेकिन मंगलवार की शाम जिला अस्पताल में एक ऐसा वाक्या हुआ जिसको लेकर आप सोचने को मजबूर जरूर हो जायेगे। हम बात कर रहे है उस वाक्या की जिसमें राजस्थान के लोग जिला अस्पताल से एक मृत व्यक्ति की आत्मा लेकर गये। यह मामला भले अंधविश्वास का हो, लेकिन लोगों ने जो देखा उसे वे भूला नहीं पा रहे है।
मंगलवार की शाम लगभग 5 बजे राजस्थान से एक कार जिला अस्पताल परिसर बैतूल पहुंची और इसमें सवार दो महिलाओं सहित लगभग 6 पुरूष उतरे। इन सभी के हाथ में पूजा की सामग्री थी। राजस्थानी पगड़ी बांधे एक बुजूर्ग आगे चल रहे थे और जिला अस्पताल के पोर्च के पास पहुंचकर इन्होंने पूजा शुरू कर दी। करीब 15 मिनट तक पूजा चलती रही। इस दौरान पूजा देखने वालों की भीड़ लग गई। कुछ डॉक्टर भी यहां से निकले। उन्होंने भी सरसरी नजर से पूजा देखी। कुछ पुलिस वालों ने भी इस पूजा को देखा, लेकिन किसी के समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर हो क्या रहा है।
पूजा समाप्त होने के बाद एक बुजूर्ग रास्ते में पानी छिडक़ते हुए जा रहा था और उसके पीछे एक व्यक्ति हाथ में चिमनी लिये हुए था जिसमें एक दीपक जल रहा था। फिर सभी लोग इसी काले रंग की कार में सवार होकर जिला अस्पताल से चले गये।
पूजा के दौरान जब साईकिल स्टैंड पर काम करने वाले पुष्कर ने इन्हीं में से एक व्यक्ति से पूछा तो उन्होंने बताया कि इनका एक आदमी कुछ समय पहले जिला अस्पताल में ही मर गया था और उसकी आत्मा भटक रही थी। इस बात पर भी विश्वास नहीं हो रहा है कि उसने यह भी बताया वो आत्मा मृतक की पत्नि को सपने में दिखाई दे रही थी। इसी को लेकर यह पूजा की गई है और आत्मा की शांति के लिए उसे ले जा रहे है। यह भी बताया गया कि यह दीपक राजस्थान के उनके गांव तक जलता हुआ जायेगा।
इस संबंध में जब पड़ताल की गई तो पता चला कि 5 अगस्त 2015 को करोली राजस्थान के जयसिंग पिता हरीसिंग राजपूत की जिला अस्पताल में मौत हुई थी और उसका शव उसके गांव ले जाया गया था। मृतक जयसिंग को जीआरपी ने मलकापुर से जिला अस्पताल लाये थे। पूजा करने वाले जयसिंग के परिवार के थे या किसी और व्यक्ति के यह अभी साफ नहीं हो पाया है। पूजा को लेकर भी जिला अस्पताल के कोई चिकित्सक कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
इनका कहना
मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मैं फिलहाल भोपाल में हूं।
डॉ. बसंत श्रीवास्तव, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल बैतूल
@अकील अहमद अक्कू