बैतूल– बैतूल से मजदूरी करने गए आदिवासियों युवक युवतियों को महाराष्ट्र की कंपनी में बंधक बनाने का मामला सामने आया है बंधक बनाये गए युवकों में से पांच युवक जैसे तसे अपने घर भाग कर आये और पूरी घटना गाँव वालों को बताई सभी मजदूर घोडा डोंगरी ब्लॉक के है ।आज इस पूरे मामले की लिखित शिकायत करने और अपने साथियों को छुड़ाने की गुहार लेकर आदिवासी बैतूल कलेक्टर से मिलने पहुंचे ।
कारखाने से काम छोड़ कर गाँव लौटे गोरा उइके और अन्य मजदूरों ने बताया की न्यू कबाड़ खाना भोपाल निवासी पप्पू ने खंडवा में ज़्यादा मजदूरी का बोलकर ले गया और पांच छै दिनों तक घुमाता रहा इसके बाद उसने महाराष्ट्र के गांव परली की पांगड़ा कारखाना फैक्ट्री में आदिवासी मजदुर को काम करने को छोड़ कर चला गया ।
सभी मजदूर घोडा डोंगरी ब्लॉक की 4पंचायत क्षेत रातामाती,पीपरी,सालीधाना, और कान्हावाडी के है । फैक्ट्री में सुपर वाईजर पटेल हमसे एक सौ पच्चीस रुपये की दिहाड़ी पर सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक गन्ना कटाई का काम करवाते थे ।रात मे पटेल के आदमी आदिवासी महिलाओं का शारीरिक शोषण भी करते और विरोध करने पर मारपीट भी करते थे । जब जब हमारे साथी भागने की कोशिश करते तो उनकी मजदूरी छुड़ा कर दो दो दिन भूखा रखा जाता था ।
जैसे तैसे हम पाँच लोग भागने लगे तो ठेकेदार के आदमियो ने मोटर साइकल से पीछा भी किया ।हम लोग तो गांव आगये लेकिन आज भी हमारे सैतीस साथियों को बंधक बना कर रखा हुआ है ।रवि कहता है की तीन सौ रूपये मजदूरी तय हुई थी लेकिन दी नही उल्टा ठेकेदार के आदमियों ने मार पीट बहुत की हमारा शारीरिक और आर्थिक दोनों तरीके का शोषण हुआ है ।
इधर अतिरिक्त कलेक्टर पवन जैन ने शिकायत मिलने पर जब पप्पू को फेक्ट्री मालिक बन कर मजदूरों की मांग की तो उसने फोन सुनकर कर काट दिया । जिला प्रशासन ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत जिला लेबर आफिसर को इनके ब्यान लेने बुला लिया था ।
घोड़ाडोंगरी के पूर्व आदिवासी विधायक पुत्र दीपक उइके सभी मजदूरों को अपने साथ लेकर अजाक थाणे में शिकायत लिखाने पहुंचे ।उन्होंने बताया की पूरे जिले से सैकड़ों मजदूरों को दलाल महारष्ट्र और तामिल नाडु ले जाते है और शोषण करते है । रिपोर्ट – अकील एहमद