भोपाल की डायल 100 की टीम ने बीटिंग हस्बैंड इवेंट की नई कैटेगरी बनाई। जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। यहां हर महीने लगभग 13 पतियों की पिटाई के मामले दर्ज हुए हैं। हम रोजाना महिला वर्ग पर हो रहे अपराध की खबरें पढ़ते हैं। कोर्ट में भी इससे सम्बधित किसी न किसी मामले पर सुनवाई और फैसले दिए जाते हैं। लेकिन एमपी के भोपाल में अलग ही नजारा है। यहां के जो आंकड़ें सामने आए हैं उनमें पीड़ित महिला नहीं बल्कि पति हैं। मतलब पति पर अत्याचार हो रहा है।
भोपाल की डायल 100 की टीम ने बीटिंग हस्बैंड इवेंट की नई कैटेगरी बनाई। जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। यहां हर महीने लगभग 13 पतियों की पिटाई के मामले दर्ज हुए हैं।
इस कैटेगरी में जहां इंदौर पहले पायदान पर है तो वहीं भोपाल दूसरे नंबर पर है। भोपाल में पिछले 4 महीनों में 52 पतियों के पिटने के केस सामने आए हैं।
घरेलू हिंसा का शिकार हो रहे पति
दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर के अनुसार, दिसंबर 2017 में डायल 10 की टीम ने डोमेस्टिक वायलेंस से बीटिंग वाइफ इवेंट और बीटिंग हस्बैंड इवेंट को अलग किया गया, जिसके बाद जनवरी 2018 से अप्रैल 2018 के बीच 772 पतियों ने पत्नियों द्वारा पिटाई की शिकायतें दर्ज कराई। पत्नियों द्वारा पीटे जाने वाले पतियों में सबसे अधिक पति इंदौर के रहे। इंदौर में 74 पतियों ने पिटाई की शिकायत दर्ज कराई।
महिलाओं से मारपीट के मामले सबसे अधिक
महिलाओं से मारपीट के मामले मध्यप्रदेश में कितने अधिक होते हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में पिछले 4 महीनों में पत्नी से मारपीट के 22 हजार मामले दर्ज हुए हैं।
इस मामले में भी इंदौर ने बाकी के क्षेत्रों को पछाड़ते हुए 2115 मामलों के साथ पहले स्थान पर जगह बनाई है। इसके अलावा भोपाल में 1546 शिकायतें दर्ज की गईं। इस कैटेगरी में जबलपुर, ग्वालियर जैसे शहरों की महिलाओं ने भी पतियों द्वारा अत्याचार के मामले दर्ज कराए हैं।