भोपाल : लोकसभा चुनाव से पूर्व मध्यप्रदेश में आयकर विभाग की छापेमारियों के मामले में आरोपियों का करीबी के तौर पर नाम जोड़े जाने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। बुधवार को सीएम कमलनाथ और उनके ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के बीच बेनामी लेन-देन के संबंध में फोन पर कथित बातचीत की रिकॉर्डिंग और कागजातों में दर्ज कुछ नेताओं के नाम मीडिया में सामने आने के बाद उन्होंने आरोपों से किनारा किया है।
सीएम कमलनाथ ने कहा कि ये कागजात कहां से मिले? इन कागजात का मुझसे क्या संबंध? इन सवालों का जवाब नहीं है। आयकर विभाग ने छापेमारियां की, आगे जो भी कानूनी कार्रवाई होनी है, वो हो । मुझे क्या आपत्ति हो सकती है! उन्होंने कहा कि जिन लोगों के यहां छापेमारी हुई या जिनका भी नाम लिया जा रहा है, उन्हें मैं नहीं जानता। मैंने उनमें से एक का भी चेहरा कभी नहीं देखा।
कमलनाथ ने कहा कि यह सब केवल अच्छे काम से ध्यान भटकाने की कोशिश है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बेहतर काम कर रही है और विरोधी ऐसा नहीं चाहते। उन्होंने व्यापमं, माखन लाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम लिए बगैर कहा कि भाजपा के शासनकाल में प्रदेश में जो भी घोटाले हुए, भ्रष्टाचार हुए, उनकी जांच होने जा रही है। सरकार को ऐसा करने से रोकने की कोशिश की जा रही है।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के लिए बढ़ रही मुश्किलों के बीच अब सीएम और उनके ओएसडी के बीच की बातचीत की रिकॉर्डिंग सामने आई थी। टीवी न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार इसी बातचीत के आधार पर करोड़ों रुपये के लेन-देन का आरोप लगाया जा रहा था। रिपोर्ट के अनुसार, तुगलक रोड स्थित निवास से हुई फोन की रिकॉर्डिंग और बातचीत के अंश मीडिया में बाहर आए हैं, जिसमें कथित तौर पर पैसों के कलेक्शन और ट्रांसफर के लेन-देन का जिक्र है।
मीडिया में आई इस बातचीत को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यह आयकर विभाग के पास मौजूद दस्तावेजों पर आधारित है, साथ ही यह मुख्यमंत्री और उनके ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के बीच हुई बातचीत से जुड़ी है। आयकर विभाग के पास मौजूद दस्तावेजों में उम्मीदवारों को करोड़ों रुपये भेजे जाने के सबूत भी हैं। टीवी न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके ओएसडी के बीच हुई बातचीत को ट्वीट भी किया है।
इन्हीं आरोपों पर सीएम कमलनाथ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आयकर विभाग के सारे बयान फर्जी हैं। वे खुद बयान देते हैं। वे खुद इसे मीडिया को देते हैं। वे राजनीतिक खेल खेल रहे हैं, तो अच्छा है, इस राजनीतिक खेल का कोई अंत थोड़े ही होने वाला है।