भोपाल- मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं। राज्य के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद चौहान के मंत्रिमंडल का यह पहला विस्तार है। शाम पांच बजे राजभवन में राज्यपाल रामनरेश यादव नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। बता दें कि तीन दिन से चल रही मैराथन बैठकों के दौर के बाद भाजपा संगठन ने कड़ा और बड़ा फैसला लेते हुए भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रहे गृह मंत्री बाबूलाल गौर और पीडब्लूडी मंत्री सरताज सिंह को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
आज दोपहर सीएम हाउस में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश संगठन प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान और संगठन महामंत्री सुहास भगत के बीच चली लंबी चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया। केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पहले ही साफ कर दिया था कि वे गौर, सरताज और कुसुम मेदहले को हटा दें लेकिन शिवराज सिंह चौहान यह नहीं चाहते थे कि इन्हें हटाया जाए।
आज इस मामले में केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली से नरेंद्र सिंह तोमर और विनय सहस्त्रबुद्धे को भोपाल भेजा। इसके बाद सीएम हाउस में एक घंटे बैठक चली जिसमें यह निर्णय लिया गया कि दोनों मंत्रियों को बाहर किया जाए। विनय सहस्त्रबुद्धे और नंदकुमार सिंह चौहान ने गौर के निवास पर जाकर उन्हें यह सूचना दी। इसके बाद दोनों नेता सरताज सिंह के बंगले गए और उन्हें निर्णय से अवगत कराया। आज शाम 5 बजे मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद शपथ ग्रहण समारोह होना है।
प्रदेश में 13 वर्ष से सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मंत्री के चयन को लेकर पहली बार इतनी भारी जद्दोजहद देखने को मिली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मिशन 2018 को फतह करने के लिए किसी भी प्रकार का राजनीतिक जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। इसी के चलते वे फूंक – फूंक कर कदम रख रहे हैं ताकि प्रदेश की जनता के सामने उनकी पारदर्शिता और निष्पक्ष छवि बरकरार रहे। जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के जरिए कैबिनेट के नए चेहरों का चयन बुधवार देर रात को लगभग तय हो चुका था लेकिन सुबह होते ही माहौल फिर बदल गया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से परामर्श करने के लिए दिल्ली से पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भोपाल पहुंचे और सारा नजारा बदल गया।
विनय बोले, चयन पर विवाद नहीं डेढ़ घंटे में नाम तय कर लौटे तोमर
दिल्ली से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ भोपाल पहुंचे विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि पार्टी में कैबिनेट चयन को लेकर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री को मार्गदर्शन और सलाह ही दे सकते हैं, अंतिम निर्णय उन्हें ही लेना है। सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि प्रदेश में जनता का विश्वास शिवराज सिंह सरकार के साथ है इसलिए सोच-समझकर चेहरों का चयन किया जा रहा है। कैबिनेट ही ऐसी जगह होती है जहां पर आम मतदाता व्यक्ति के चाल-चरित्र-चेहरे को बहुत नजदीक से देखता है। इधर, डेढ़ घंटे की अहम बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री तोमर महत्वपूर्ण सलाह देकर तत्काल दिल्ली वापस लौट गए। आज दिल्ली में मंत्री समूह की एक आवश्यक बैठक का संचालन उनके जिम्मे है।
गौर-सरताज से मांगा इस्तीफा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान की भूमिका मंत्रिमंडल विस्तार में बहुत ज्यादा अहम नहीं दिखी। लेकिन अंतिम समय में चली जद्दोजहद के दौरान उन्हें संदेशवाहक के रूप में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर और पीडब्लूडी मंत्री सरताज के घर पहुंचे और मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि हमने केंद्र की गाइड लाइन को फॉलो किया है जिसके तहत उम्रदराज मंत्रियों से इस्तीफे का आग्रह किया गया है। सूत्रों ने बताया कि गौर के विकल्प के रूप में यादव समाज से जुड़ी विधायक ललिता यादव से भी मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने लंबी बातचीत की। गौर-सरताज के इस्तीफे की अभी तक आधिकारिक पुष्टी नहीं हुई है।
75 का फार्मूला बुजुर्ग मंत्रियों को मंजूर नहीं
सरताज अड़े गौर कोपभवन में
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़ा फैसला लेते हुए आखिरकार उम्रदराज फार्मूले के तहत कैबिनेट से बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को बाहर का रास्ता दिखा दिया। पार्टी लाइन को तोड़कर बयानबाजी में शामिल रहे गौर को केंद्र के फार्मूले का हवाला दिया गया है। पार्टी के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे और प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान से मुलाकात के बाद नाराज गृह मंत्री कोपभवन में चले गए हैं और मीडिया से मुलाकात नहीं कर रहे हैं। इस घटनाक्रम में बाबूलाल गौर यह कहते रहे कि वे एक्टिव हैं और उनसे इस्तीफा मांगने का दम किसी में नहीं। ठीक इसी तरह मंत्री सरताज सिंह भी केंद्र के कथित फार्मूले की आड़ में मांगे गए इस्तीफे से नाराज दिखाई दिए।