डिंडोरी- मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में संचालित मदरसों में भले ही ताले लटक रहे हैं। लेकिन कागजो में अभी भी संचालित हो रहे हैं। कागजो में संचालित इन मदरसों को बंद भी फर्जीवाड़े को उजागर करते समुदाय के लोगो ने कराया था। इसकी जानकारी भी शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को दी गयी है। इस मामले में अब जिला शिक्षा अधिकारी के के पटेल इन मदरसों की मान्यता पर सवाल उठा रहे है।
बता दें कि जिले में लगभग आठ मदरसे संचालित है। जामा मस्जिद शाहपुर कमेटी के सदस्यो ने मदरसे चल रहे फर्जीवाड़े को उजागर किया और मदरसों के बंद होने की जानकारी भी दी। विभाग और प्रशासन को यह जानकारी दी।
मुवीन खान के मुताबिक मदरसा संचालक केवल उर्दू शिक्षा देते थे बाकी विषयो की पढाई के लिए उन्हें शासकीय विद्यालय पढ़ने जाना पड़ता है। जबकि नियमो के मुताबिक मदरसे में भी शासकीय विद्यालयों की तरह ही शिक्षा दी जानी है। उन्हें उर्दू अलग से पढ़ाना है लेकिन मदरसा संचालक केवल एक घंटे उर्दू की शिक्षा देकर बंद कर देता था। इसलिए सभी लोगो ने मिलकर मदरसे को बंद करवाया है। ताकि सरकार द्वारा चलाई योजना में फर्जीवाड़े को रोका जा सके।
वहीँ एक और मामला मदरसा जो कि जिला मुख्यालय का है जो सुबखार वार्ड ०१ संचालित है लेकिन वहाँ भी ताला लटक रहा है। शाहपुर जामा मस्जिद में संचालित मदरसे की जानकारी जब आरटीआई कार्यकर्त्ता ने शिक्षा विभाग से मांगी जानकारी में मदरसा संचालित होना बताया जा रहा है जबकि खुद जिला शिक्षा अधिकारी के के पटेल मदरसों की मान्यता पर सवाल उठा रहे है।
रिपोर्ट- @दीपक नामदेव