भोपाल : मध्यप्रदेश में लव जिहाद पर लगाम लगाने के लिए सोमवार को ‘मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2021’ (फ्रीडम ऑफ रिलीजन) को विधानसभा में पारित किया गया है। राज्य में इस विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जाएगा। इसके तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों को पांच साल से लेकर 10 साल तक की जेल हो सकती है।
मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की स्वीकृति मिलने पर यह कानून नौ जनवरी को अधिसूचित मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020 की जगह लेगा।
Madhya Pradesh Freedom of Religion Bill, 2021 passed in the Assembly
— ANI (@ANI) March 8, 2021
इस विधेयक में शादी तथा किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद एवं भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक मार्च को इस विधेयक को सदन में पेश किया था और सोमवार को चर्चा के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
कानून के अनुसार, ‘‘अब जबरन, भयपूर्वक, डरा-धमका कर, प्रलोभन देकर, बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कर विवाह करने और करवाने वाले व्यक्ति, संस्था अथवा स्वयंसेवी संस्था के खिलाफ शिकायत प्राप्त होते ही संबंधित प्रावधानों के मुताबिक आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।’’
राज्य सरकार के इस कानून का उल्लंघन करने वाली किसी भी शादी को शून्य माना जाएगा। बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून लाया गया था।