भोपाल : मध्य प्रदेश राज्यपाल लाल जी टंडन ने CM कमलनाथ को दूसरी बार लिखित आदेश दिया है और कहा है की कल 17 मार्च तक मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाएं तथा अपना बहुमत सिद्ध करें, अन्यथा यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है।
राज्यपाल ने दोबारा मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिट्ठी लिखी है। इसमें सरकार को कल फ्लोर टेस्ट कराने और बहुतम साबित करने के लिए कहा गया है। राज्यपाल ने कहा है कि अन्यथा यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक चिट्ठी भेजी है जिसमें सोमवार को फ्लोट टेस्ट ना कराने पर नाराजगी जाहिर की गई है। पत्र में कहा गया है राज्यपाल के अभिभाषण के बाद मुख्यमंत्री ने फ्लोर टेस्ट कराने की ‘सार्थक’ कोशिश नहीं की। विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित होने का जिक्र भी राज्यपाल ने चिट्ठी में किया है।
राज्यपाल लाल जी टंडन ने कमलनाथ की चिट्ठी की भाषा को ‘संसदीय मर्यादाओं के प्रतिकूल’ बताया है। राज्यपाल ने सीएम को लिखा है, ‘आपने यह चिट्ठी लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने में आना-कानी की है, जिसका कोई आधार नहीं है।’ कमलनाथ ने अपनी चिट्ठी में जो कारण गिनाए थे, राज्यपाल ने उन्हें ‘आधारहीन और अर्थहीन’ बताया है।
टंडन ने कमलनाथ से कहा है कि वे 17 मार्च, 2020 तक विधानसभा में बहुमत साबित करें नहीं तो यह माना जाएगा कि उन्हें बहुमत हासिल नहीं है। इससे पहले राज्यपाल ने कमलनाथ को सोमवार को अपने अभिभाषण के ठीक बाद फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था।
सोमवार को जैसे ही राज्यपाल का संक्षिप्त अभिभाषण खत्म हुआ, स्पीकर ने कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया। फ्लोर टेस्ट न होने पर बीजेपी ने सदन में हंगामा भी किया। बाद में शिवराज सिंह चौहान ने गवर्नर के सामने बीजेपी के 126 विधायकों की परेड कराकर दावा किया कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में है। फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर बीजेपी सुप्रीम कोर्ट भी गई है।