हरदा- गर्मी के मौसम में जब जल स्तर गिरता है। पानी को लेकर मचे हाहाकार की आवाज़ हर तरफ से बहुत ऊंची उठकर आती है। जल सहेजो अभियान का सबसे दुखद पहलु यह है कि जो जिम्मेदार आमजन को जल बचाने को प्रेरित कर रहे हैं। उनकी ही नाक के नीचे उनके मातहत जल बर्बाद करने में कोई कसर बाकी नहीं रख रहे हैं।
अभी भी मध्य प्रदेश के हरदा ज़िले में कई दूरस्थ वनग्रामो में स्थिति यह है कि आदिवासी ग्रामीण लंबी दुरी तय करके छोटे डबरों- पोखरों , झिरी व् जमीन खोद कर दूषित पानी लाने व् पीने को मजबूर हैं। वहीँ कतिपय शहरी लोग अपने निजी बोरिंग से सड़क सींचने, गाडी धोंने आदि अन्य तरीको से पानी बर्बाद करते देखे जा रहे हैं।
सूत्रो की माने तो हरदा स्टेडियम पर मैत्री मैच के एक दिन पहले मैदान पर पानी सींचा गया था। उल्लेखनीय है , मुम्बई में हाइकोर्ट द्वारा जलसंकट के मद्देनज़र आईपीएल के मैचों में बर्बाद हो रहे पानी को देखकर कई मैच पर रोक लगायी गयी है।
इधर नगरपलिका के टेंकर भी सड़क धोते शहर में नज़र आ रहे हैं। दृश्य में स्पष्ठ है किस तरह है अनमोल जल को बर्बाद किया जा रहा है। इसके विपरीत शहर में कलेक्टर कार्यालय के पास के रहवासी एक टैंकर पर सैकड़ो की संख्या में पानी भरते देखे जा सकते हैं।
ज्ञात हो कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की शुरुआत देश में भीषण गर्मी और सूखे से की थी । पीएम ने कहा कि भीषण गर्मी ने चारों तरफ हाहाकार मचाया है। कई राज्य जलसंकट से जूझ रहे हैं। सूखे से निपटने के लिए सरकारें अपना प्रयास करें वो ठीक है लेकिन मैंने देखा है कि नागरिक भी कई सारे प्रयास करते हैं हमें इसी तरह के अच्छे प्रयासों की जरूरत है।
@अब्दुल समद
Madhya Pradesh, Harda, News In Hindi, TEZNEWS Hindi Portal,