डिंडोरी- मध्य प्रदेश के डिंडोरी गाड़ासरई से 4 की मीटर दूर ग्राम माझियाखार में उप स्वास्थ्य केंद्र में पिछले कई महीनो से ताला लटका हुआ है। अचानक मौसम में हुए परिवर्तन के कारण मलेरिया डेंगू जैसी बीमारियों ने अपने पैर पसार लिए है। वही मरीजों की संख्या में बढोत्तरी आ गई है । ऐसी स्थिति में हर चिकित्सालयों में बिस्तरों की कमी हो रही है और इसके उलटे ग्राम माझियाखार में उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के चलते कभी निरिक्षण नही किया गया। जिस कारण लापरवाही का सिलसिला चला आ रहा है। जब स्वास्थ केंद्र ही बंद है तो दवाएं भी उपलब्ध हो इस बात की कोई गारंटी नही है।
मरीज भटक रहे है
माझियाखार कि लगभग 2000 जनसंख्या है। जिसमे एक उप स्वास्थ्य केंद्र है जो की हमेशा बंद रहता है। आलम यह है कि छोटी छोटी बीमारियों के लिए 4 किमी दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गाड़ासरई दौड़ना पड़ता है मरीजो में ज्यादातर संख्या बच्चों की होती है।
नियमानुसार उप स्वास्थ्य केंद्र में स्वस्थ वर्कर का रहना अति आवश्यक है। लेकिन वे स्वास्थ केंद्र में न रहकर अन्यत्र रहते है जिस कारण मरीज को जब दवा की आवश्यकता होती है। तब वहां डॉक्टर मौजूद नही रहता जिस कारण लोगों को मजबूरन दुसरे स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है। और इलाज में लेटलतीफी हो जाती है।
झोला छाप की हुई चांदी
बढ़ती मरीजो की संख्या के कारण चिकित्सालयों में खासी भीड़ देखी जाती है। जिसका फायदा झोलाछाप डॉक्टर भी जमकर उठा रहे है। जो लोगों को घर पहुचकर इलाज करते तो है और मोटी रकम भी वसूलते है तथा सांथ ही सांथ मरीजों की जिंदगी को भी दांव पर लगा देते है।
इस संबंध में बाजग विकास खण्ड के बी एम ओ आर. के. मिश्रा से बात की गई। जिसमें उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति जीर्ण शीर्ण है जिस कारण वहां रहना सम्भव नही है ।
एमपी: स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी, भटक रहे मरीज
Madhya Pradesh: Health Department carelessness to Wandering patients
रिपोर्ट- @दीपक नामदेव