भोपाल- बैतूल जिले में खरीफ और फिर रबी की फसल बर्बाद होने से दुःखी एक किसान ने जहर पीकर अपनी जान दे दी। हादसा बुधवार शाम का है। घटना की जानकारी गुरुवार सुबह मीडिया और पुलिस को पता चली। मुलताई से करीब 30 किमी आमला तहसील के गांव मोरखा में रहने वाले किसान बसंत रघुवंशी (45) ने बुधवार रात करीब 8 बजे जहर पी लिया।
वह पिछले कई दिनों से परेशान था। रात को वो अपने खेत से घर लौटा और कीटनाशक पी लिया। परिजन तुरंत उसे मुलताई के अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। गुरुवार सुबह मीडिया को इसकी खबर पता चली, तो गांव में भारी भीड़ लग गई।
तीन लाख का था कर्ज
मृतक के भाई किशोर रघुवंशी ने बताया कि, बसंत की लगातार दो बार फसल बर्बाद हो गई थीं। पहले सोयाबीन की फसल बर्बाद हुई। उसने गेंहू बोया, तो पानी की कमी के चलते वो भी सूख गई। उसने तीन लाख रुपए का कर्ज ले रखा था। कर्ज न चुका पाने के कारण वो पिछले कई दिनों से परेशान था।
मप्र में फसल बर्बाद होने से किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन सरकार यह बात मानने को तैयार नहीं है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस के रामनिवास रावत के सवाल के जवाब में गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने लिखित में कहा कि, मप्र में पिछले चार माह में सिर्फ एक किसान की फसल बर्बाद होने के बाद हार्ट अटैक से मौत हुई है।
जबकि 193 किसान और 149 कृषि मजदूरों ने आत्महत्या की। गौर ने बताया कि, एक जुलाई से 30 अक्टूबर 2015 तक कुल 2948 व्यक्तियों ने आत्महत्या की। इसमें 342 किसान और कृषि मजदूर थे। वहीं एक जनवरी से 30 जून तक 3 हजार 646 आत्महत्या हुई थी। इसमें किसान 245 और कृषि मजदूर 250 थे।
रिपोर्ट:- रीता वीक