मध्य प्रदेश की राजनीति के ‘महाराज’ यानी ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी से बगावत के मूड में हैं। कहा जा रहा है कि ज्योतिरादित्य अपनी दादी विजयाराजे सिंधिया के ‘सपने’ को साकार कर देंगे और बीजेपी में शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है और आज वह बड़ा ऐलान कर सकते हैं। ज्योतिरादित्य को बीजेपी की ओर से राज्यसभा की सदस्यता और केंद्र में मंत्री पद दिया जा सकता है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से चार बार सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। जनसंघ की संस्थापक सदस्यों में रहीं राजमाता के नाम से मशहूर विजयाराजे सिंधिया चाहती थीं कि उनका पूरा परिवार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में लौट आए। अब ज्योतिरादित्य उनके इस सपने को साकार कर सकते हैं।
गुना पर सिंधिया परिवार का कब्जा लंबे समय तक रहा। माधवराव सिंधिया सिर्फ 26 साल की उम्र में सांसद चुने गए थे लेकिन वह बहुत दिन तक जनसंघ में नहीं रुके। 1977 में आपातकाल के बाद उनके रास्ते जनसंघ और अपनी मां विजयाराजे सिंधिया से अलग हो गए। 1980 में माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतकर केंद्रीय मंत्री भी बने।
मध्य प्रदेश सरकार का संकट
मध्य प्रदेश सरकार के छह मंत्री समेत कुल 17 विधायक बेंगलुरु में हैं। ये सभी ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के माने जाते हैं। कहा जा रहा है कि इन सभी ने अपने फोन बंद कर लिए हैं। चर्चा है कि सिंधिया अपने समर्थकों के साथ या तो बीजेपी जॉइन करने वाले हैं या फिर वह कांग्रेस से कोई बड़ी बात मनवाना चाहते हैं। हालांकि, अभी इस बारे में ज्योतिरादित्य सिंधिया का कोई भी बयान नहीं आया है।