भोपाल: मध्य प्रदेश के खण्डवा में जिस तरह से विवादित पोस्टर लगाने के आरोप में पांच मुस्लिम युवकों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कराया गया था, उसे पुलिस ने वापस ले लिया है। मंगलवार को पुलिस ने सबूतों के अभाव में युवकों पर देशद्रोह का मामला वापस ले लिया है। मोघट पुलिस स्टेशन के सब इंसपेक्टर रमेश मोरे ने बताया कि पांचों लोगों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप में पर्याप्त सबूत नहीं थे, जिसकी वजह से उन पर लगे मुकदमे को वापस ले लिया गया है।
गौरतलब है कि रविवार को 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया गया था, जिसमे पांच नाबालिग भी शामिल थे। इन सभी पर आरोप था कि ईद मिलाद उन नबी के मौके पर खांडवा में कथित रूप से कुछ पोस्टर लगाए थे, इस पोस्टर में लिखा था कि हमारे आजम को हमारे गद्दार जान जाएंगे, अगर इतिहास पड़ लेंगे तो पहचान पाएंगे, ये हिंदुस्तान मेरे ख्वाजा का था और रहेगा, गलतफहमी में मत रहना कि राम राज्य लाएंगे।
प्रिंटर मालिक के खिलाफ भी मामला दर्ज पांच आरोपियों के खिलाफ सेक्शन 124 ए के तहत यानि देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था, जबकि अन्य के खिलाफ सेक्शन 153 ए, 505-2 सेक्शन 34 के तहत मामला दर्ज कराया गया था। जिन 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था उसमे पंकज सोनी भी शामिल हैं जो कि आर्ट ग्राफिक्स दुकान के मालिक हैं, उनके यहां ये पोस्टर छापे गए थे।
पंकज और सभी पांच नाबालिग आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है, जबकि पांच अन्य आरोपियों को मंगलवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
गौरतलब है कि गृहमंत्री ने कहा था कि हम नहीं बख्शेंगे मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने ट्वीट करके सोमवार को लिखा था कि जो लोग शांति को भंग करने की कोशिश करेंगे हमारी सरकार उनके खिलाफ सख्ती से निपटेगी, ऐसे लोगों को यह समझना चाहिए कि शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में भाजपा की सरकार है, जो दंगों को कुचलने में झिझकेगी नहीं।
वहीं इस मामले में खण्डवा के एसपी नवनीत भसीन ने कहा कि सबूत अभी भी इकट्ठा किए जा रहे हैं, जिसके आधार पर पुलिस धाराओं में बदलाव कर सकती है, जिसके तहत आरोपियों को बुक किया गया है।
Madhya Pradesh police book five for sedition over poster then withdraw charge