भोपाल –मध्यप्रदेश में श्रमिकों का एक बडा वर्ग अब मजदूरी की जगह अपने स्वयं के रोजगार से अपने एवं परिवार के उदर पोषण पर ध्यान दे रहा है। वह अब न तो रोजगार की मांग के प्रति चिंतित है और न ही उसको आवश्यकता बतलायी जाती है। जी हां यह एक सच्चाई है जो मध्यप्रदेश के संबधित विभाग की बेबसाईट में दर्ज किये गये आंकडे बतलाते हैं जिसके अनुसार एैसे श्रमिकों की संख्या एक लाख नौ हजार आठ सौ तेरानवे बतलायी जाती है। हम बात कर रहे हैं भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना जिसको महात्मा गांधी रोजगार गारंटी के नाम से पहचाना जाता है। जिसके अंतर्गत संचालित होने वाली हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ उठाते हुये इतनी बडी संख्या में वह श्रमिक जो कभी कार्य मांगते हुये देखे जा सकते थे उनमें से एक बडी संख्या अपने कार्य को करने में विश्वास व्यक्त करते हुये देखी जा रही है।
कितने कहां लाभांवित-
प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में अलीराजपुर 2429,अनुपपुर 1471,अशोकनगर 336,बालाघाट 4807,बडवानी 2684,बेतूल 2529,भिंड 373,भोपाल 1060,बुरहानपुर 589,छतरपुर 2122,छिंदवाडा 4662,दमोह 3209,दतिया 785,देवास 2938,धार 5313,डिंंडोरी 1813,गुना 972,ग्वालियर 1558,हरदा 409,होशंगावाद 437,इंदौर 401,जबलपुर 441,झाबुआ 3997,कटनी 2164,खंडवा 4873,खरगौन 2439,मंडला 5159,मंदसौर 2853,मुरैना 4645,नरसिंहपुर 331,नीमच 1938,पन्ना 2503,रायसेन 1010,राजगढ 3768,रतलाम 2618,रीवा 1626,सागर 1848,सतना 5991,सीहोर 2866,सिवनी 2320,शहडोल 947,शाजापुर 1037,श्योपुर 742,शिवपुरी 2421,सीधी 3294,सिंगरोली 901,टीकमगढ 1731,उज्जैन 1375,उमरिया 2517 एवं विदिशा में 993 श्रमिकों की आर्थिक स्थिति मनरेगा योजना के तहत चलने वाली हितग्राही मूलक के कारण सुदृढ होने पर वह अब अपना स्वयं का कार्य करने लगे हैं।
संचालित योजनायें-
मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं पर नजर डालें तो इनकी संख्या 16 बतलायी जाती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कपिलधारा,नंदन फल उद्यान,मेड बंधान,ग्रामीण शांतिवन,ग्रामीण क्रीडाकंन,पंचायत भवन,आंगनबाडी भवन,शैलपर्ण,पथ वृक्षारोपण,ग्राम वन,मिट्टी मुरमीकरण, सीसी रोड,पशु शेड,खेत तालाब,नवीन तालाब एवं निर्मल नीर जैसी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
योजना का सुदृढीकरण-
देश में चल रही एक बडी योजना में लगातार कसावट लाने के प्रयास में एक कदम ओर आगे बढाने का निर्णय लेते हुये भारत सरकार ने समस्त राज्य सरकारों को तय किये निर्देशों के तहत कार्य करने के निर्देश जारी कर दिये हैं। जिसके लागू हो जाने से अनिमितताओं पर जहां अंकुश लगेगा तो वहीं गडबडी करने वाले अधिकारी,कर्मचारी एवं दोषी को कम्पूटर का विशेष साफटवेयर तुरंत ही पकड लेगा। भारत सरकार की एक बडी योजना रोजगार गारंटी की जिसको आधुनिक बनाने की दिशा में देश के प्रधान मंत्री नरेंन्द्र मोदी लगे हुये देखे जा सकते हैं। विदित हो कि कुछ दिन पूर्व ही देश की 10 हजार में से 25 सौ जनपदों को आईपीपीई अर्थात् सघन,सहभागी,न्योजन योजना के तहत जोडा गया है। इसकी विशेषता है कि इसमें मोबाईल मानिटरिंग सिस्टम लागू होगा। कार्य स्थल से ही लाईव डाटा के साथ ही रियल टाईम आन लाईन डाटावेश उपलब्ध होगा। वहीं परिसम्पत्तियों निर्माण कार्यों का सत्यापन एवं लोकेशन जीओ टेगिंग के माध्यम से उपलब्ध रहेगा। जानकार बतलाते हैं कि उक्त योजना के लागू होने से ईलेक्ट्रानिक मेजरमेंट होगा जबकि पूर्व में इन पंचायत मेनुअल मेजरमेंट होता था। इसमें फोटो भी अपलोडिंग साईड यनि कार्य स्थल से ही होगी।
रिपोर्ट :- डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव