मध्यप्रदेश के भिंड में महिला और पुरुषों का एक ही कमरे में मेडिकल टेस्ट होने का मामला सामने आने के बाद सीएम शिवराज चौहान को सफाई देनी पड़ी है। सीएम ने कहा कि हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं, जिम्मेदार पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आरोप है कि जिला अस्पताल में जब यह मेडिकल टेस्ट किया जा रहा था तो वहां कोई महिला डॉक्टर मौजूद नहीं थी। इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं।
आपको बता दें कि यह टेस्ट पुलिस कॉन्सटेबल की भर्ती के लिए किया जा रहा था। दरअसल, भिंड अस्पताल में एक ही कमरे में युवक और युवतियों का मेडिकल चेकअप किया गया और इस दौरान युवतियों के सामने युवकों को अर्धनग्न करवाया गया।
गौरतलब है कि भिंड पुलिस लाइन में 217 नए महिला और पुरुष आरक्षकों की भर्ती हुई है। अलग-अलग चरणों में जिला अस्पताल में इनका मेडिकल टेस्ट करवाया जा रहा है।
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में कॉन्सटेबल भर्ती के दौरान स्वास्थ्य परीक्षण के समय चयनित उम्मीदवारों के सीने पर ‘एससी-एसटी’ भी लिखा गया था। इस बात का जमकर विरोध हुआ था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
हालांकि, धार के सीएमएचओ डॉ. आरसी पनिका ने दावा किया था कि ये अल्फाबेट अस्पताल के ही किसी अधिकारी ने लिखे हैं। उन्होंने प्राथमिक जांच के आधार पर ये बात बताई। लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि अधिकारी ने ऐसा किसके कहने पर किया है।