खंडवा – मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में ओम्कारेश्वर स्थित साध्वी ऋतंभरा के आश्रम स्टाफ के खिलाफ थाना मांधाता में मामला दर्ज किया है। 20 अप्रैल को साध्वी ऋतम्भरा के परम शक्ति पीठ आश्रम की चार आदिवासी बच्चियों की नहर में डूबने से मौत हो गई थी। इसी मामले में पुलिस ने आश्रम स्टाफ को दोषी मानते हुए लगभग 3 माह बाद कार्यवाही की हैं। आश्रम स्टाफ पर पुलिस ने धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया है।
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खंडवा (Khandwa) जिले के ओंकारेश्वर (Omkareshwar) में कोठी ग्राम में स्थित साध्वी ऋतम्भरा (Sadhvi Rithambara) के परम शक्ति पीठ आश्रम की लगभग 3 माह पूर्व चार आदिवासी बच्चियों की नहर में डूबने से मौत हो गई थी। इस मामले में आदिवासी संगठन लगातार आंदोलन कर रहे थे। आदिवसी संगठनों के दबाव के चलते 3 माह बाद अब पुलिस ने साध्वी ऋतम्भरा के आश्रम स्टाफ के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया हैं।
बतादें कि बीते 20 अप्रैल को ओमकारेश्वर के कोठी ग्राम में स्थित साध्वी ऋतम्भरा के परम शक्ति पीठ आश्रम की चार आदिवासी बच्चियों की नहर में डूबने से मौत हो गई थी। यह चारों बच्चियां नहर में नहाने गई थी।उनमे से एक पैर फिसलने से बाकि बच्चियां उसे बचाने के लिए नहर में उतरी लेकिन वह भी दुर्घटना का शिकार हो गई। चारों बच्चियां आदिवासी वन ग्रामों से थी और आश्रम में रहकर पढाई कर रही थी । पुलिस ने अब इस मामले में आश्रम स्टाफ पर धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस जांच अधिकारी दीपिका लोखंडे के अनुसार पूनमसिंह पिता गिरिजाशंकरसिंह निवासी कोठी व अन्य एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने जांच में पाया कि परमशक्ती पीठ आश्रम कोठी के स्टाफ द्वारा बच्चियों को लापरवाही पूर्वक अनुमति देकर नहर पर जाने के लिए आश्रम का गेट खोल दिया था। जिससे नहर में नहाते समय बच्चियों की डुबने से मौत हो गई थी।
घटना 24 अप्रैल सुबह 7 बजे की थी। जब आरोपियों ने आश्रम की बच्चियों को अनुमति देकर नहर पर जाने के गेट खोल दिया। जिससे नहर में नहाते से डूबने से चार बच्चियों प्रतिज्ञा पिता छमिया भिलाला 11 साल, दिव्यांशी पिता चेतन सोलंकी 11 साल, अंजना पिता रमेश भिलाला 10 साल तथा वैशाली पिता नवल भिलाला 11 साल की मृत्यु हो गई थी।