भाजपा शासित मध्य प्रदेश के कई इलाकों में ‘पद्मावत’ के विरोध में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। राज्य के देवास जिले में पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच साठगांठ का मामला सामने आया है।
लोगों को उपद्रवियों से बचाने के लिए तैनात किए गए सुरक्षाकर्मी जनता के बजाय प्रदर्शनकारियों के साथ दिखे। पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों को कानून-व्यवस्था में खलल डालने से रोकने के बजाय उनके साथ मिलकर दुकानों को बंद कराने में व्यस्त रहे।
उन्होंने उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई करने से भी इनकार कर दिया। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के बजाय पुलिसकर्मी लोगों को सुरक्षित रहने की सलाह देते दिखे। दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पद्मावत के विरोध के बाद उपजे हालात को लेकर आला अधिकारियों के साथ बैठक करने में लगे रहे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिसकर्मियों के इस रवैये के खिलाफ राज्य सरकार के साथ ही विपक्षी दलों ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर चल रहे विरोध से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश भी एक है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की बात कही थी। इसके तहत जगह-जगह पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। लेकिन, देवास में सरकार के दावे की खुद पुलिसकर्मियों ने ही हवा निकाल दी। पुलिस के जवान लोगों की सुरक्षा करने के बजाय प्रदर्शनकारियों का ही साथ दे रहे थे। वे खुद को सुरक्षित रखने के प्रयास में लगे रहे। इससे उपद्रवियों के हौसले और बुलंद हो गए। वे बिना किसी खौफ के उत्पात मचाते रहे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देवास और आसपास के लगते क्षेत्रों को सत्तारूढ़ भाजपा का प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है। मालूम हो कि भाजपा शासित राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी पद्मावत फिल्म के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए। हरियाणा में तो करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने स्कूल बस तक को नहीं बख्शा। लखनऊ में पुलिस को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग तक करना पड़ा।
सुप्रीम कोर्ट ने पद्मावत फिल्म को हर राज्य में रिलीज करने का फैसला दिया था। शीर्ष अदालत ने इस बाबत दाखिल पुनर्विचार याचिका को भी ठुकरा दिया था। इसके बावजूद करणी सेना और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता देश के विभिन्न राज्यों में फिल्म के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गुजरात से लेकर हरियाणा और बिहार तक से तोड़फोड़ की खबरें आई हैं। इसे देखते हुए मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ने कई राज्यों में पद्मावत को प्रदर्शित नहीं करने का फैसला लिया है।