भोपाल: मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों के महिला और पुरुष दोनों शिक्षक अब जैकेट पहनेंगे। इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंज़ूरी मिल गई है। इसकी अगले शैक्षणिक सत्र से शुरुआत हो जाएगी। जैकेट पर एक नेम प्लेट भी लगी होगी जिसके ऊपर लिखा होगा ‘राष्ट्र निर्माता।’
वैसे इससे पहले निगम निकायों, कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों के लिए भी ड्रेस लागू किया जा चुका है।
जैकेट नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नालॉजी से तैयार करवाया गया है। स्कूली शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह का कहना है कि यह शिक्षकों को पहचान दिलाने की कवायद है। शाह ने कहा ये पूरा ड्रेस कोड नहीं है, केवल एक जैकेट है जो डिजाइन करा रहे हैं।
कई बार देखा है शिक्षक की पहचान नहीं हो पाती तो एक शानदार जैकेट जो बहनें साड़ी पर, भाई पैंट शर्ट पर पहन सकें या कुर्ते पर डाल सकते हैं।
यह खर्च उस राज्य में हो रहा है जहां अतिथि शिक्षक सरकार से नाराज हैं, वोट ना देने की कसम खा रहे हैं। जहां विधानसभा में पेश रिपोर्ट ने सरकार ने खुद बताया है कि 100234 सरकारी स्कूलों में बिजली नहीं है।
जहां 2016 में संसद में पेश रिपोर्ट से पता चला कि देश के सिर्फ एक शिक्षक वाले 17,874 स्कूलों के साथ मध्यप्रदेश टॉप पर है, जहां लगभग 50,000 शिक्षकों के पद खाली हैं।
विपक्ष को लगता है सरकार की प्राथमिकताएं ठीक नहीं हैं। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कभी भगवा जैकेट, कभी ऑरेंज, कभी ब्लू जैकेट पहनाने की बात कर रही है सरकार। ब्लैक बोर्ड वहां हैं नहीं। ऐसा लगता है राज्य में सरकार नहीं सर्कस काम कर रहा है।
मध्यप्रदेश में सरकार लगभग ढाई लाख शिक्षकों को जैकेट पहनाने के लिए पैसे खर्चेने को तैयार है। विपक्ष का आरोप है कि ये शिक्षकों को नहीं बल्कि नागपुर को खुश करने की कवायद है।
बहरहाल आरोप प्रत्यारोप के बीच एक हकीकत कैग रिपोर्ट से भी आई थी जिसके मुताबिक 8वीं तक के 70 फीसद बच्चे ढंग से हिन्दी-अंग्रेजी नहीं लिख-पढ़ सकते, गणित में कमजोर हैं।