मंडला- मध्य प्रदेश में आये दिन तरह तरह के घोटाले सामने आते रहते है। व्यापम घोटाला, खाद घोटाला, दवा घोटाला, राशन घोटाला जैसे कई घोटालों के बारे में आपने बहुत कुछ सुना होगा लेकिन आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले में एक अनोखा घोटाला सामने आया है।
कहा जा रहा है की एक गाँव के कई लोग अचानक बेहरे हो गए है और इसी विकलांगता के चलते उन्होंने सरकारी नौकरी भी हासिल कर ली है। ग्राम पंचायत के सरपंच को इस पर घोटाले की बू आ रही है। तो मंडला विधायक संजीव उइके इस मामले को विधान सभा में उठाने की बात कह रहे है।
मंडला जिले की बिछिया जनपद पंचायत के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मांद इन दिनों एक ख़ास वजह से चर्चा में है। अंजनिया के समीपस्थ गांव मांद की जलवायु में शायद पिछले कुछ दिनों अजीबो गरीब परिवर्तन हुआ है। यहां के दर्जनों युवा 20 वर्ष की आयु पूरी के बाद अचानक बहरे हो गये हैं और इसी विकलांगता के आधार पर शासकीय नौकरी कर रहे हैं।
यह हम नहीं कह रहे है। ये आरोप है इसी गाँव के लोगों और सरपंच के। सवाल यह कि इतने लोग जन्म के 15 -20 साल बाद विकलांग कैसे हो गये ? करीब 3 हज़ार की आबादी वाले इस गाँव में वैसे तो शिक्षित लोगों की कोई कमी नहीं है। बताया जाता है कि गाँव के करीब 300 लोग अलग – अलग सरकारी नौकरी में इसके बावजूद इस गाँव में एक घोटाले की आशंका जताई जा रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि गाँव के कुछ लोगों ने बहरेपन का फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र बनवा लिया है और इस प्रमाणपत्र के आधार पर वो सरकारी नौकरी कर रहे है। ग्रामीण इसे नौकरी के वास्तविक हक़दार बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ बता रहे है। सरपंच अशोक उइके भी यह बात हजम नहीं कर पा रहे है कि अचानक गाँव में इतने विकलांग कहा से हो गए। वो इस पूरे मामले की जांच की बात कर रहे है।
पंचायत सचिव गणेश आर्मो बताते है कि पूरे गाँव में इस तरह की चर्चा व्याप्त है कि गाँव के कुछ युवाओं ने फर्जी तरीके से विकलांग प्रमाणपत्र बनवा लिए है और इसी के आधार पर शासकीय नौकरी भी हासिल कर ली है।
गाँव में करीब एक दर्जन ऐसे विकलांग है जिन्हे शासन की योजना के तहत विकलांगता पेनशन मिल रही है। गाँव के ही एक व्यक्ति ने ग्राम पंचायत से सूचना के अधिकार के तहत गरम पंचायत के विकलांगों की पूरी जानकारी के साथ सरकारी नौकरी में लगे विकलांगों की भी फेहरिश्त मांगी है। पंचायत सचिव अब जनपद पंचायत कार्यालय से विकलांगों की पूरी जानकारी एकत्र कर रहे है।
मांद ग्राम पंचायत के इस विकलांगता घोटाले की जानकारी विधायक संजीव उइके को भी लग गई है। इस घोटाले के बहने इस कांग्रेसी विधायक को बैठे बिठाये प्रदेश की शिवराज सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने का मौके मिल गया है।
विधायक ने प्रदेश के व्यापम घोटाले से लेकर कई घोटालों की पूरी सूची गिनाते हुए पूरे मामले को विधान सभा में उठाने की बात करते हुए इसकी जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिले पूर्व प्रभारी मंत्री शरद जैन स्वास्थ्य राज्य मंत्री ही थे और अब मंडला के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते केंद्र में स्वास्थ्य राज्य मंत्री है, ऐसे में जिले में इस तरह का घोटाला अनेक सवाल और संदेह पैदा करता है।
रिपोर्ट:- @सैयद जावेद अली