बैतूल- आई तैयारी कर लो कल अपने को उज्जैन चलना है… मैं आपको लेने आई हूं। यह शब्द है मुलताई उत्कृष्ट विद्यालय में पदस्थ चतुर्थ वर्ग कर्मचारी श्रीमती भावना देशमुख को जो अपनी सास को सिंहस्थ मेला ले जाने तीन दिन का अवकाश लेकर बैतूल पहुंची और अपनी सास एवं देवरानी को लेकर सिंहस्थ के लिए रविवार रवाना हुई।
सोमवार को क्षिप्रा के पावन जल में सास को स्नान करवाया। ऐसे वक्त में जब बेटा बुजुर्ग माता-पिता को तीर्थयात्रा कराने में बगले झांकता है बहू का सास को सिंहस्थ ले जाना अनुकरणीय है। भावना ने अपनी सास सहित देवरानी के साथ सिंहस्थ यात्रा कर आज सुबह घर वापसी की।
बहुओं ने कराएं सास को महाकाल के दर्शन
रविवार को दोपहर 12 बजे भावना और अनिता देशमुख दोनो जिठानी-देवरानी अपनी सास सुशीला पति स्व. रामराव देशमुख के साथ उज्जैन के लिए रवाना हुई। भावना ने बताया कि उनके ससुर का करीब बीस वर्ष पहले निधन हो गया। वहीं उनके पति सुरेन्द्र देशमुख एवं देवर प्रकाश देशमुख के निधन के बाद उनकी सास ही उनका सहारा बनी। पति के निधन के बाद भावना उत्कृष्ट विद्यालय मुलताई में चतुर्थ वर्ग कर्मचारी है।
जब उन्हें उज्जैन में सिंहस्थ की जानकारी मिली तो उनके मन में सास को भी सिंहस्थ के अवसर पर क्षिप्रा में डुबकी लगवाने एवं महकाल के दर्शन करने की इच्छा हुई। बस दूसरे ही दिन उन्होंने शाला से अवकाश लेकर बैतूल में अपनी दो बहुओं के पास रह रही सास के पास पहुंचकर सिंहस्थ चलने का आग्रह किया। दूसरे दिन दोनों बहुए, अपने बच्चों एवं सास के साथ सिंहस्थ पहुंची और मंगलवार को वापसी की।
@अकील अहमद