भोपाल : मध्य प्रदेश में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ही अल्पकालीन कृषि ऋण मिलेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में शून्य प्रतिशत ब्याज दर वाली योजना को निरंतर रखने का निर्णय लिया गया है। एक साल में 24 लाख किसानों को 14000 करोड़ रुपये से ज्यादा का ऋण दिया गया है। इसके साथ ही यह भी तय किया है कि इस बार विधानसभा में पेपर लेस बजट होगा। वित्त मंत्री देवड़ा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तर्ज पर टैबलेट के माध्यम से बजट प्रस्तुत करेंगे।
गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया निर्माण कार्यों के लिए अब परफॉर्मेंस गारंटी निधि पांच की जगह तीन ली जाएगी। इससे निर्माण एजेंसियों को अतिरिक्त राशि उपलब्ध होगी। यह प्रविधान 31 दिसंबर 2021 तक के लिए प्रभावी होगा। लोक निर्माण विभाग के अलावा जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नर्मदा घाटी विकास सहित अन्य निर्माण कार्य करने वाले विभागों के लिए यह व्यवस्था लागू होगी। बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग का प्रस्तुतिकरण भी हुआ। इसमें तय किया गया कि प्रत्येक जिले में एक और प्रत्येक विकासखंड में एक उत्कृष्ट स्कूल (सीएम राइज) खोला जाएगा। यह स्कूल सर्व सुविधायुक्त होंगे। बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर दिया गया। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि कोई पुराना स्कूल बंद नहीं होगा। नए स्कूल खोलकर वहां आसपास के 25 किलोमीटर की परिधि के क्षेत्र में आने वाले बच्चों को बसों के माध्यम से इन स्कूलों में लाया जाएगा।
आम बजट का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं : कैबिनेट बैठक प्रारंभ होने के पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आम बजट को लेकर मंत्रियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आम बजट आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। सभी मंत्री अपने-अपने विभागों से संबंधित बजट का अधिक से अधिक लाभ लेने की कार्य योजना बनाएं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी को उन्होंने निर्देश दिए कि जिस तरह केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया है। उसके हिसाब से ही बजट बनाया जाए। पोषण के क्षेत्र में काफी काम करने की आवश्यकता है इसलिए महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी विशेष ध्यान दें। उज्जवला गैस के जो कनेक्शन मिलने हैं, उसकी कार्ययोजना भी अभी से बनाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। एकलव्य विद्यालय ज्यादा से ज्यादा आएं, इसकी चिंता की भी जाए और टेक्सटाइल के क्षेत्र में भी काम किया जाए।