मंडला- पुलिस प्रताडना से तंग आकर दो भाइयों द्वारा आत्महत्या की कोशिश करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसमें एक भाई की मौत हो गई और दूसरा जिला चिकित्सालय पहुँच गया। मामला अंजनिया पुलिस चौकी के गंगोरा गांव का है जहाँ एक हत्या की तफ्तीश के नाम पर पुलिस ने मारपीट और करेंट लगाकर इतना प्रताड़ित किया कि छोटे भाई विजय नंदा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली और बड़ा भाई गिरीश नंदा ने कीटनाशक पी लिया जिसके बाद उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया।
घटना के बाद गाँव में पुलिस के प्रति भारी नाराज़गी देखने को मिली। जनता इतनी आक्रोशित थी की पुलिस को पेड़ से शव उतारने के लिए करीब 2 घंटे तक संघर्ष करना पड़ा। तनाव की स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस बल के साथ पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। दोनों नंदा भाइयों ने पुलिस प्रताडना की शिकायत कलेक्टर से लेकर पुलिस अधीक्षक तक की थी लेकिन कोई कार्यवाही न होने से उनकी हिम्मत टूट गई थी।
अंजनिया पुलिस चौकी के गंगोरा गांव में दो भाइयों द्वारा आत्महत्या की कोशिश में एक भाई की मौत हो जाने से ग्रामीणों में पुलिस के प्रति खासी नाराज़गी देखने को मिल रही है। विजय नंदा ने पुलिस प्रताडना से तंग आकर आत्महत्या का ली तो उसका बड़ी भाई ने भी पुलिस के डर से कीटनाशक पीकर आत्महत्या की कोशिश की जिसके बाद उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया है।
दरअसल 20 अप्रैल की सुबह अंजनिया पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत गंगोरा गाँव में खेत पर कामता प्रसाद का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। पीएम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज़ तो कर लिया लेकिन करीब डेढ़ महीने गुजरने के बाद भी पुलिस इस हत्या की गुत्थी नही सुलझा सकी है। पुलिस ने इस मामले की तह तक पहुंचने मृतक के परिजनों समेत गाँव के करीब 60 लोगों से पूछतांछ की है।
पुलिस पर पूँछ ताछ के नाम पर गाँव वालों को प्रताड़ित करने और करेंट लगने के भी आरोप लग रहे थे। पुलिस की पूंछ – ताछ में सबसे अधिक प्रताड़ित दोनों नन्द भाई थे, कुछ दिनों पहले उन्होंने मीडिया को भी पुलिस ज्यादती की पूरी कहानी सुनते हुए पुलिस भय के चलते आत्महत्या करने की बात कही थी। नंदा भाइयो का कहना था कि पुलिस के टॉर्चेर से उनका शरीर बुरी तरह टूट चुका है। पुलिस की मार और करेंट के झटकों से ये अब ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे है। अंजनिया चौकी और बम्हनी थाने पुलिस पर ये प्रताडना के आरोप लगे है।
रोज रोज की प्रताड़ना से तंग आकर विजय नंदा ने पहले भी आत्महत्या की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन समय रहते ग्रामीणों ने उसे रोक लिया था। जिला चिकित्सालय में भर्ती गिरीश की पत्नी ममता नंदा के बुरे हाल है। गिरीश का बेटा अजय नंदा ने अपने पिता और चाचा के साथ हुई पूरी ज्यादती कैमरे पर बयां की जो उसने पुलिस चौकी में अपनी आँखों से देखा था। मृतक विजय की पत्नी अभिलाषा नंदा भी चीख चीख कर अपनी पति की आत्महत्या के लिए पुलिस पर आरोप मढ़ रही है।
ग्रामीणों में चर्चा वयाप्त है कि दोनों भाइयों ने एक साथ कीटनाशक पिया। कीटनाशक पीते ही जब बड़े भाई गिरीश की तबियत बिगड़ने लगी तब छोटा भाई विजय वहां से भाग गया और बाद में पता चला की उसने फांसी लगा ली। यह भी कहा जा रहा है कि पुलिस के डर से ये दोनों पिछले काफी दिनों से घर भी नहीं आ रहे थे और लुकते फिर रहे थे। पुलिस की कार्यप्रणाली से पहले से ही आहात ग्रामीणों के सब्र का बांध विजय की आत्महत्या के बाद टूट गया। ग्रामीणों ने खुलकर पुलिस के सामने अपनी नाराज़गी का इज़हार किया। ग्रामीणों ने करीब दो घंटे तक पुलिस को विजय का शव ही नहीं उतारने दिया। बहरहाल पुलिस ने किसी तरह शव को पेड़ से उतारा और पोस्टमॉर्टोम के लिए जिला चिकित्सालय पहुँचाया। जहां से पोस्टमॉर्टोम उपरांत शव अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौप दिया गया।
पुलिस प्रतारणा के इस मामले जब पूर्व में पुलिस से पूंछा गया था तब पुलिस के आला अधिकारियों का कहना था कि चूँकि हत्या हुई है और कुछ लोगों पर संदेह है इसलिए इसलिए पुलिस पूँछ तांछ तो करेगी ही ये प्रताड़ना नहीं तफ्तीश का हिस्सा हैं। अब जब पुलिस की प्रताडना के बाद एक भाई ने आत्महत्या कर ली और दूसरा अस्पताल में भर्ती है इसके बाद भी एसडीओपी नैनपुर आरएन परतेती, अपने अधीनस्थ अमले का बचाव करते नज़र आ रहे है।
पुलिस प्रतारणा के इस मामले में पीड़ित नंदा भाइयों ने जनसुनवाई में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक तक से शिकायत की थी। लेकिन किसी ने भी इनकी शिकायत को गम्भीरता से नहीं लिया। यदि समय रहते आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ कार्यवाही की गई होती तो नंदा परिवार को आज इस अनहोनी का सामना न करना पड़ता।
रिपोर्ट:- @सैयद जावेद अली