चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पशु बिक्री को लेकर जारी किए गए नए नियमों पर मंगलवार को रोक लगा दी।
उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने अंतरिम फैसला सुनाते हुए कहा कि केंद्र सरकार लोगों की फूड हैबिट तय नहीं कर सकती।
सेल्वागोमति और आसिक इलाही बाबा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एमवी मुरलीधरन और जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा, खाने को चुनना सबका व्यक्तिगत अधिकार है और किसी को भी उसे तय करने का अधिकार नहीं है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के इस फैसले का केरल सहित कुछ राज्य कड़ा विरोध विरोध कर रहे है। ऐसे में केंद्र सरकार पशु बाजारों में कत्ल के लिए जानवरों की खरीद-फरोख्त पर लगाई गई रोक पर कथित तौर पर विचार कर सकती है।
एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि संभावना है कि सरकार न काटे जाने वाले पशुओं की सूची से भैंस को बाहर कर सकती है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के सचिव ए.एन.झा ने कहा, हमें जानवरों की सूची को लेकर अभिवेदन (रिप्रेजेंटेशन) मिला है। हम इस पर काम कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पशुओं को क्रूरता से बचाने के लिए 26 मई को नियमों में संशोधन किया था, जिसमें पशु बाजारों में कत्ल के लिए जानवरों की खरीद-फरोख्त पर रोक सुनिश्चित की गई। कत्ल करने के लिए जिन जानवरों की बाजारों में खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती, उनमें गाय, सांड, भैंस, बछिया, बछड़ा तथा ऊंट शामिल हैं।
Centre’s Ban On Cattle Trade For Slaughter Suspended By Madras High Court