एक बड़े घटनाक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अभी अभी राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा। कुछ ही देर पहले नीतीश कुमार राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से मिलने पहुंचे थे। कुछ ही देर पहले ही जेडीयू विधायक दल की बैठक संपन्न हुई है। जहां से निकलने के बाद नीतीश राजभवन के लिए निकले।
इससे पहले, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कभी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद का इस्तीफा नहीं मांगा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे, यह राजद विधानमंडल की बैठक में तय हो चुका है। लालू ने कहा था, “महागठबंधन में कोई टूट वाली बात नहीं है। मैं रोज नीतीश कुमार से बात करता हूं। कल ही रात को हमारी बात हुई।” उन्होंने अपने खास अंदाज में कहा, “हमने ही महागठबंधन बनाया है और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया है और हम ही इसे ढाह देंगे। ऐसा कहीं होता है क्या? यह महागठबंधन पांच साल के लिए बना है।”
सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार के एक मामले में तेजस्वी को आरोपी बनाए जाने के बाद जद (यू) तेजस्वी से सभी आरोपों का तथ्यात्मक जवाब मांग रही है। राजद पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि सही जगह और सही समय पर सभी आरोपों का जवाब दिया जाएगा। इसके बाद दोनों दल आमने-सामने आ गए हैं।
बिहार के 243 सदस्यों की विधानसभा में अभी जनता दल यूनाइेटड के 71 विधायक हैं, जबकि राष्ट्रीय जनता दल के 80 विधायक हैं, विधानसभा में कांग्रेस के 27 एमएलए हैं, जबकि बीजेपी के 53 विधायक हैं।